मुजफ्फरपुर. पिछले दो वर्षों से गायब मुजफ्फरपुर की छह वर्षीय बेटी खुशी की तलाश अब सीबीआई करेगी. बिहार पुलिस जब खुशी अपहरण केस को नहीं सुलझा सकी, तो पटना हाइकोर्ट ने खुशी को तलाशने का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है. बुधवार को CBI की विशेष क्राइम ब्रांच ने इस मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज की है. खुशी के पिता राजन साह के आवेदन पर सीबीआई ने केस दर्ज किया है. स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर अरण कुमार को केस का आईओ नियुक्त किया गया है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआई ने खुशी की तलाश शुरू कर दी है.
बुआ और चाचा से हुई पूछताछ
सीबीआई की टीम ने कचहरी परिसर में ही खुशी की बुआ रागिनी कुमारी और चाचा राजा कुमार से करीब 25 मिनट तक पूछताछ की है. साथ ही दोनों को एक एक प्राथमिकी की फोटो कॉपी दी है. आईओ ने खुशी के पिता राजन साह को भी कचहरी में बुलाया था, लेकिन, वह किसी काम में व्यस्त थे. इस वजह से उन्होंने अपनी बहन रागिनी और भाई राजा को भेजा कचहरी भेजा.
सुपरविजन में बरती गयी घोर लापरवाही
नवरुणा मामले में अपने निकम्मेपन को साबित कर चुकी मुजफ्फरपुर पुलिस पर यह दूसरा नाकाबिलियत का धब्बा है. यही कारण है कि हाईकोर्ट ने भी स्थानीय पुलिस प्रशासन पर कठोर टिप्पणी की थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि इस कांड का उद्भेदन अब मुजफ्फरपुर पुलिस से संभव नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले के सुपरविजन में घोर लापरवाही बरती गयी है. ऐसे में अब इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाता है.
क्या है पूरा मामला
16 फरवरी, 2021 को 6 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थे. इसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि ब्रह्मपुरा पुलिस पर से भरोसा उठ गया था, इसलिए हाइकोर्ट गये थे. अब हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. इससे उम्मीद जगी है.
इनपुट : प्रभात खबर
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