मुजफ्फरपुर, बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में बेला इंडस्ट्रियल एरिया में गुरुवार को उत्तर बिहार के जिला पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. जिसमें राज्य के औद्योगिक विकास में जिला पदाधिकारियों की महती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए आमिर सुबहानी ने कहा कि सभी जिला अधिकारी अपने-अपने जिलों में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा दें। नए आईडिया पर काम करते हुए बड़े उद्योगों के साथ-साथ मध्यम स्तर के और लघु उद्योगों की स्थापना पर बल दें।

चनपटिया मॉडल को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते उन्होंने कहा कि अभिनव पहल करके आपदा को अवसर में बदला जा सकता है। चनपटिया औद्योगिक नवप्रवर्तन जोन में वैसे नए उद्यमियों को मौका दिया गया जो कोविड-19 में दूसरे राज्यों से बिहार आए थे । चनपटिया का प्रयोग सफल रहा और उसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई। चनपटिया औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिए पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी को राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार भी मिला ।

आमिर सुबहानी ने कहा कि बहुत सारे उद्यमी और मजदूर कोविड-19 के समाप्ति के बाद भी दूसरे शहरों में वापस नहीं गए हैं बल्कि अपने ही गांव और शहर में रहकर छोटा बड़ा रोजगार कर रहे हैं। ऐसे उद्यमियों की पहचान कर उनके लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा बहुत ही बेहतरीन काम किया जा रहा है और सभी जिला अधिकारी उद्योग विभाग योजना के अनुसार उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने में मदद करें।

उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि औद्योगिक विकास और नए उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता आवश्यक है। बिहार के इंडस्ट्रियल एरिया में 3000 एकड़ भूमि का लैंड बैंक मौजूद है इसके अलावा 2400000 वर्ग फीट क्षेत्र में प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रीज शेड बनाया गया है जो रेडी टू मूव है। प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल शेड में उद्योगपति अपना मशीन लगाकर उत्पादन दो से तीन हफ्तों के अंदर प्रारंभ कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में पहले राज्य में लगभग 3000 लोगों को बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त होती थी लेकिन पिछले साल 8800 लोगों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत क्रेडिट लिंक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।


खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के मदद के लिए पीएमएफएमई स्कीम के तहत 3000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को मदद पहुंचाई गई। इसी तरह से बिहार स्टार्टअप नीति के तहत 250 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है। ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत करीब 29 सौ लोगों को 2000 करोड़ से अधिक रुपए की सहायता दी जा चुकी है।

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