मुजफ्फरपुर, सदर थान के दिघरा गांव में 11 साल पहले दहेज में एक लाख रुपया के लिए जिंदा जलाई गई बहु के मामले में शनिवार को एडीजे 9 संजीव कुमार पांडेय ने फैसला सुनाया. मामले में जज ने मृतिका के पति और ससुर को दोषी पाया है. दोनो को सुनवाई के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. आगामी 26 फरवरी को मामले पर सजा सुनाई जाएगी.

16 साल पहले हुई थी शादी

बता दे कि मृतिका अंजू देवी कि शादी संजय कुमार से वर्ष 2005 में हुई थी. लेकिन शादी के कुछ दिनों के बाद से ही ससुराल पक्ष के द्वारा एक लाख रुपया के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. ससुराल वालों का कहना था कि अपने घर वालो से किसी तरह एक लाख रुपया मंगवाओ. ऐसा नही करने पर मृतिका के साथ अक्सर मारपीट भी किया करते थे.

2011 में दर्ज हुआ था FIR

जैसा कि आपको बताया कि वर्ष 2005 में मृतिका अंजू देवी कि शादी हुई थी. उसके बाद उसे अक्सर दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था. वही 27.10.2011 को मृतिका के ससुराल वालों ने उसे जला दिया था. जिसके बाद इलाज के लिए उसे SKMCH अस्पताल लाया गया. जहाँ मृतिका के परिजनों ने ससुराल वालों को पकड़ लिया. साथ ही हंगामा भी हुआ. जिसके बाद सदर थाना में कांड संख्या 348/11 दर्ज हुआ था.

केस का सबसे रोचक पहलू यह है कि पुलिस ने केस में सिर्फ पती को दोषी पाते हुए चार्जशीट दाखिल किया था. लेकिन कोर्ट में केस के ट्रायल के दौरान ससुर के खिलाफ भी साक्ष्य सामने आया. जिसके आधार पर कोर्ट ने उसके खिलाफ संज्ञान लिया. इस तरह बहु को ज़िंदा जलाने के इस केस में पति और ससुर के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा चलाया गया. 11 साल के सुनवाई के बाद मामले में दोनो को दोषी पाए जाने का फैसला सुनाया गया है. इसमे अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कृष्ण देव शाह ने साक्ष्य पेश किया है. जिसके आधार पर यह फैसला सामने आया है.

अपर लोक अभियोजक कृष्ण देव शाह ने बताया कि 304B के अंतर्गत दोनो को दोषी पाया गया है. मृतिका अंजू देवी कि शादी 2005 में संजय कुमार से हुई थी. शादी के बाद से ही संजय और उसके परिजन मृतिका से एक लाख रुपया बतौर दहेज के डिमांड करते थे. साथ ही मृतिका को प्रताड़ित भी किया करते थे. 27.10.2011 को अंजू देवी को जला दिया गया. उसके बेस्ड उन्हे SKMCH में भर्ती करवा दिया गया. जहाँ मृतिका के परिजनों ने ससुराल वालों को पकड़ लिया. उसके बाद पुलिस को सौंपा. साथ ही सदर थाना में 28.10.2011 को प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई. पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया. केस डायरी में साक्ष्य के आधार पर 5 लोगो पर सुनवाई शुरू हुई. अभियोजन कि ओर से 8 गवाही भी करवाई गई. सभी ने मामले का समर्थन किया. जिसके बाद न्यायालय ने दोनो को दोषी पाया. जिसमे मृतिका का पति संजय कुमार और उसका ससुर रघुनाथ सिंह शामिल है. 26 फरवरी को मामले में सजा सुनाई जाएगी.

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