Jug Jugg Jeeyo Movie Review: पता है हमारी सोसायटी की सबसे बड़ी दिक्कत क्या है? दिक्कत ये है कि हम दिखावे पर बहुत जाते हैं. वहीं जब असलियत सामने आती है, तो दिल टूट जाता है. करण जौहर की मल्टी स्टारर फिल्म जुगजुग जियो देख कर भी ऐसा ही लगा. फिल्म को लेकर ऑडियंस के बीच बहुत हाइप बनाया गया. पर हकीकत में फिल्म वैसी नहीं है. आइये आपको बताते हैं क्या है जुगजुग जियो की कहानी.

पुरानी बोतल में नई शराब जैसी कहानी
फिल्म की शुरुआत कुकु (वरुण धवन) और नैना (कियारा आडवाणी) की लव स्टोरी से होती है. दोनों बचपन से एक-दूसरे को पसंद करते हैं और बड़े होने पर शादी भी हो जाती है. इसके बाद फिल्म पांच साल आगे बढ़ती है. कुकु और नैना पटियाला से कनाडा पहुंच चुके हैं, जहां उनके बीच प्यार नहीं सिर्फ झगड़ा होता रहता है. नैना-कुकु के रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं कि बात तलाक तक पहुंच चुकी है. दोनों तलाक लेने ही वाले थे कि कुकु की छोटी बहन गिन्नी की शादी तय हो जाती है.

बहन की शादी के लिये कुकु और नैना इंडिया आते हैं. कुकु अपने तलाक की बात घरवालों से करता. इससे पहले उसके पापा भीम (अनिल कपूर) बताते हैं कि वो उसकी मां गीता (नीतू कपूर) से तलाक लेने वाले हैं. बाप-बेटे के बीच हुई ये बातचीत फिल्म में ट्विस्ट लाती है और रातों-रात रिश्तों को लेकर कुकु की भावनाएं बदल जाती हैं. क्या कुकु अपने मम्मी-पापा और खुद का रिश्ता बचा पायेगा. या फिर कुकु नैना के साथ-साथ भीम-गीता भी अलग हो जाते हैं. बस यही जानने के लिये आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.

फिल्म में दिक्कत कहां है
ट्रेलर देख कर लगा था कि वरुण धवन, अनिल कपूर, नीतू कपूर, कियारा आडवाणी और मनीष पॉल स्टारर फिल्म देखने के बाद मुंह से Wow… जैसे शब्द निकलेंगे. पर सच बताये, तो पूरी फिल्म देख कर एक सीन भी ऐसा नहीं आया जब मेरे मुंह से ऐसे शब्द निकले हों. फिल्म के डॉयलाग्स और गाने अच्छे हैं, लेकिन कहानी वही पुरानी सी. शादी और तलाक पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं. बस धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म में थोड़ा मसाला ऐड कर दिया गया है. फिल्म का सेट भी बेहतरीन है, लेकिन घूम फिर कर बात कहानी पर आ जाती है. मूवी की एडिंग बॉलीवुड की बाकी फिल्मों की तरह काफी प्रीडेक्टबल है. जुगजुग जियो का सेकेंड हॉफ बिल्कुल दिलचस्प नहीं है. ऐसा लगा जैसे बॉलीवुड के पास अब कोई अच्छी कहानी बची ही नहीं है.

वरुण पर भारी पड़े अनिल कपूर-मनीष पॉल
अब आते हैं एक्टिंग पर. इसमें कोई दो राय नहीं है कि वरुण धवन दिन पर दिन अपनी एक्टिंग को बेहतर बनाते जा रहे हैं. पर सच यही है कि उन पर सीरियस रोल बिल्कुल सूट नहीं करते हैं. जुगजुग जियो में अनिल कपूर की झक्कास कॉमेडी के आगे वरुण धवन का रोल काफी छोटा दिखाई देता है. यहां तक कि मनीष पॉल का किरदार भी वरुण धवन की एक्टिंग पर भारी पड़ता दिखाई दिया. मनीष पॉल फिल्म में काफी रियल कॉमेडी करते दिखे. वहीं कियारा आडवाणी और नीतू कपूर के जितने सीन थे, उसमें दोनों ही एक्ट्रेसेस ने अच्छा काम किया है. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर प्राजक्ता कोहली का रोल छोटा, लेकिन नोटिस करने वाला था.

अंत में हम फिर यही कहेंगे कि कहानी पुरानी है. बस उसे नये तरीके से पेश किया गया है. बाकी समझदार के लिये इशारा काफी है. और हां सोशल मीडिया पर फिल्म को मिल रहे रिव्यू देख कर लगता है कि जुगजुग जियो बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करेगी. पर अगर दिल से कहें, तो फिल्म फुल पैसा वसूल टाइप बिल्कुल नहीं है. बस इतना जरूर है कि आज कल जैसी फिल्में रिलीज हो रही हैं. उससे थोड़ी ठीक है, लेकिन झक्कास कहने लायक नहीं है. फिल्म खत्म होने के बाद मन में ये भी सवाल आया कि बॉलीवुड वालों से पूछ लें कि अच्छी फिल्में बनना कब शुरू होंगी. जुगजुग जियो ने हमारी उम्मीदों पर तो पानी फेर दिया है. बाकी फिल्म अच्छी है या बुरी इसका फैसला आप खुद देख कर कीजियेगा.

इनपुट : आज तक

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