पटना. आखिरकार लंबे अरसे से जिस बात की चर्चा थी उसे बिहार सरकार (Bihar Government) अब मूर्त रूप देने जा रही है. सरकार पंचायती राज विभाग से संबंधित योजनाओं को लागू करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका में बदलाव करने जा रही है. पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके अनुसार प्रखंड स्तर पर अब प्रखंड विकास पदाधिकारी और जिले स्तर पर उप विकास आयुक्त को उनकी भूमिका से बेदखल कर दिया जाएगा. अब त्रिस्तरीय पंचायत की योजनाओं के लिए प्रखंड स्तर पर पंचायती राज पदाधिकारी और जिले स्तर पर बिहार प्रशासनिक सेवा के नए अधिकारियों का पद सृजित किया गया है.

पंचायती राज विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंजूरी मिलने के साथ ही बीडीओ और डीडीसी (BDO And DDC) के लिए अधिकार छीन जाएंगे.

दरअसल, जिला मुख्यालय में उप विकास आयुक्त के पास ग्रामीण विकास की योजनाओं के अलावा बहुत सारी प्रशासनिक जिम्मेदारियां होती हैं. यही कारण है कि पंचायती राज विभाग की योजनाओं पर समय के अभाव के कारण उप विकास आयुक्त सही ढंग से निगरानी नहीं कर पा रहे थे. यही हाल प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ था. ऐसे में राज्य सरकार ने डीडीसी और बीडीओ के काम के दबाव को कम करने के मकसद से भी यह कदम उठाया है.

बिहार सरकार का नया प्‍लान
सरकार ने गांव के विकास और पंचायती राज विभाग की योजनाओं की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को भी ध्यान में रखकर भी यह फैसला लिया है. मौजूदा समय में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की भी बहुत सारी योजनाएं पंचायतों के जिम्मे है. इस हालात में सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए गांव में विकास की रफ्तार को तेज करने का फैसला लिया है. यही कारण है कि पंचायती राज विभाग ने प्रखंड स्तर पर बीडीओ और जिला स्तर पर उप विकास आयुक्त को पंचायती राज विभाग के कार्यों से निवृत्त करने की तैयारी की है.

Source : News18

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