बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि राज्य में शराबबंदी है। पीने और पिलाने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी। तो सीतामढ़ी के कुछ युवक कहते हैं कि जेल तो उनका ससुराल है। शराब पीने के बाद जेल गए भी तो मजा आएगा। खासकर जब मौका और नए साल के जश्न का है तो हर सजा कबूल है। मनचले मिजाज के कुछ सिरफिरे युवक एक सरकारी स्कूल में शराब और मटन की पार्टी करने के बाद वीडियो वायरल कर देते हैं लेकिन, वहां की पुलिस लकीर पर लाठी पीटती रह जाती है। ऐसे में सुशासन बाबू के शराब बंदी कानून का भविष्य अंधकार में दिखता है।

अब जरा इस पूरे प्रकरण को समझते हैं। दरअसल, शुक्रवार की रात नये साल की पूर्व संध्या पर सीतामढ़ी के रीगा थाना इलाके के एक सरकारी स्कूल में लगभग एक दर्जन लड़कों ने मटन और शराब की पार्टी की। मां सरस्वती के मंदिर में इन बेशर्मों ने मांस और मदिरा का सेवन किया। इतना ही नहीं इन लोगों ने इस पार्टी का वीडियो भी बनाया। वीडियो में वे कहते हैं कि जेल तो उनका ससुराल है। चल के उसे देखना चाहिए।

वीडियो जितनी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उतनी ही बुलंदी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के संकल्प ठेंगा दिखा रहा है। तस्वीर गवाह है कि ऐसा करते हुए इन युवाओं के चेहरे पर ना कोई पश्चाताप है और ना ही कोई डर। नीतीश बाबू इन दिनों भारी-भरकम खर्च करके जिलों में जा जाकर समाज को सुधारने में लगे हैं। इस दौरान जीविका दीदियों और सरकारी तंत्र को बड़े-बड़े पाठ पढ़ाए जा रहे हैं। लेकिन उन्हें अमलीजामा पहनाने में यही सरकारी महात्मा कितना कामयाब है, उसकी बानगी यह तस्वीर पेश कर रही है।

29 दिसंबर को मुजफ्फरपुर के समाज सुधार अभियान में सीतामढ़ी से पहुंची एक जीविका दीदी ने कहा था कि धरल्ले से शराब पिया और पिलाया जा रहा है। दीदी पुलिस वालों को इसकी जानकारी देती है तो कोई कार्रवाई नहीं होती। उल्टे पीने वालों को यह जानकारी मिल जाती है कि यह सूचना किसने पुलिस तक पहुंचाई। नए साल के मौके पर सरकारी भवन में दारू पार्टी कि यह घटना राज्य में प्रभावी शराबबंदी की पोल खोल रही है।

इस मामले में रीगा थानाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा है कि वीडियो देखा गया है। पुलिस पार्टी में शामिल युवाओं की पहचान कर रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Input : live hindustan

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