मधुबनी : मधुबनी से कलयुग के श्रवण कुमार की तरह के एक पुत्र की कहानी लोगों को खूब पसंद आ रही है. बेटे ने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए गांव में पुल का निर्माण अपने पैसे से करा दिया. आप इस घटना के बारे में सुनकर चौंक गए ना, ऐसा ही उन सबके साथ हुआ जिन्होंने इस कलयुग के श्रवण की कहानी सुनी.
बता दें मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड के नरार पश्चिमी पंचायत में पूर्व उपसरपंच विजय प्रकाश झा उर्फ सुधीर झा ने अपने दिवंगत पिता महादेव झा की याद में करीब पांच लाख की लागत से पुल बनाकर समाज को समर्पित किया. पूर्व उपसरपंच विजय प्रकाश झा उर्फ सुधीर झा समाज के प्रत्येक काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहते हैं. उनके पिता स्वर्गीय महादेव झा अरुणाचल प्रदेश के सेकेंडरी हाई स्कूल में प्रधानाध्यापक पद पर थे. जो 2000 ईस्वी में रिटायर्ड होकर घर चले आए.
पिता की याद में बनवा दिया पुल
सुधीर झा ने बताया कि उनके दिवंगत पिता महादेव झा का देहांत 16 मई 2020 को हो गया. उन्होंने अपने पिता के द्वारा बताए हुए बातों को याद करते हुए भावुक मुद्रा में बताया कि यह वाकया 2019 का है. उनके पिता एक दिन बरसात के समय में अपने बगीचे एवं खेत देखने जा रहे थे. उसी क्रम में रास्ते में सड़क पर गड्ढे में पुल नहीं होने से वह कीचड़ भरे पानी में फिसल कर गिर पड़े. उस समय उनको इस बात का काफी दुख महसूस हुआ.
पिता से किया था वादा हुआ पूरा
पिता महादेव झा ने अपने बड़े पुत्र विजय प्रकाश झा उर्फ सुधीर झा को बुलाया और कहा की तुम संकल्प करो की मेरे मरने के बाद तुम सिर्फ कर्म कर देना और समाज में भोज नहीं करना. उस भोज के पैसे से समाज के लिए उस महत्वपूर्ण सड़क पर एक पुल मेरे याद में बना देना. उन्होंने कहा था कि दोनों सड़क के बीच में पानी और कीचड़ भरे जगह पर पुल बन जाने से दोनों सड़क आपस में मिल जाएगा और लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी. जिससे लगभग 25 हजार की आबाद को नरार गांव सहित विभिन्न इलाकों में आने जाने में काफी सहूलियत होगी.
उनके बड़े पुत्र विजय प्रकाश झा उर्फ सुधीर झा ने प्रण ले रखा था कि पिता के देहांत के बाद यह पुल बनाना सबसे पहली प्राथमिकता उनके जीवन का होगा. 2020 में उनके पिताजी का देहांत हो गया. उन्होंने बताया कि बीच के 2 साल कोरोना विश्व एवं भारत त्राहिमाम मचा रहा था. जिस वजह से पुल निर्माण कार्य नहीं हो सका.
उन्होंने बताया कि जैसे ही करोना से देश उबरा तो उन्होंने मिस्त्री रखकर तुरंत पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया, अब पुल बनकर तैयार है तो लोगों का आवागमन सुगम हो गया है. उन्होंने अपने दिवंगत पिता महादेव झा के नाम का पुल पर बोर्ड लगा कर समाज को समर्पित कर दिया है. विजय प्रकाश जा उर्फ सुधीर झा घर पर ही खेती एवं किराना दुकान का व्यवसाय कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं. दूसरा पुत्र संतोष कुमार झा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेंगलुरु में है.
गांव के लोग कर रहे तारीफ
इसको लेकर पंचायत के मुखिया जितेन्द्र कुमार ने कहा पुल के लिये मंत्री विधायक सांसद को कहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. मुखिया ने कहा युवक विजय ने दिवंगत पिता की याद में पुल बनाकर समाज के लिए एक उदाहरण पेश किया है. लोग भोज में लाखों खर्च करते हैं लेकिन समाज के लिए कुछ नहीं कर पाते हैं.
Source : Zee news
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