Snake News: asia के सबसे खतरनाक सांपों ने अब बिहार में डेरा जमाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से दुर्लभ प्रजाती के सांपों की रेस्क्यू के खबर मिल रही है। बिहार में के कई ज़िलों से एशिया के सबसे ज़हरीले सांप रसेल वाइपर को काबू करने का मामला सामने आ चुका है। मंगलवार को भी फतूहा (पटना) में लोगों ने दुर्लभ सांप को देखा। स्थानीय लोगों ने लोकल थाने में मामले की सूचना दी। जिसके बाद लोकल पुलिस मौक़े पर पहुंची और वन विभाग को भी सूचित किया। वन विभाग की टीम पहुंची तो बताया कि यह एशिया के सबसे खतरनाक सांपों में से एक रसल वाइपर सांप है। वन विभाग की टीम नें सांप को रेस्क्यू कर ड्रम बंद किया औऱ अपने साथ ले गए।
नोहटा मोहल्ला में दिखा विशाल सांप
रसेल वाइपर सांप की जानकारी देते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि नोहटा मोहल्ला (फतुहा) में रमाशंकर सिंह के हाते विशालसांप देखा था, जिसकी सूचना स्थानीय थाना और वन विभाग की टीम को दी गई। मौक़े पर पहुंचे अधिकारी ने सांप को देखने के बाद बताया कि यह दुर्लभ प्रजाती का सांप रसल वाइपर है, जो कि काफी जहरीला और खतरनाक होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रजाती के सांप ज्यादातर जंगलों में पाए जाते हैं। बिहार में रसल वाइपर की प्रजाती बहुत ही कम या यू कह लीजिए की ना के बराबर है। घने जंगलों में पाया जाने वाला सांप शहरी इलाके में मिलना चिंता का विषय है। सांप घने आबादी वाले क्षेत्र में कैसे पहुंचा इस बात की जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है।
दौ और जिलों से रसेल वाइपर को किया गया काबू
बिहार के खगड़िया जिले से कुछ दिन पहले रसेल वाइपर सांप को काफी मशक्कत के बाद स्नैक कैचर ने काबू किया था। भागलपुर ज़िले के मीराचक इलाके से भी रसेल वाइपर सांप को काबू करने का मामला सामना आ चुका का है। भागलपुर ज़िले के मीराचक इलाके में रसेल वाइपर को काफी मशक्कत के बाद सांप को काबू किया गया था। रसेल वाइपर सांप 15 दिनों से मीराचक इलाके में घूम रहा था। एक बच्ची ने सांप को देखा तो लोगों की इसकी सूचना दी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सांप को पकड़ कर बोरे में डाल दिया, और फिर वन विभाग की टीम को सौंप दिया।
वन विभाग की टीम नहीं कर सकी थी काबू
खगड़िया जिले के भेलवा पंचायत (परबत्ता प्रखंड) का पूरा मामला बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि आईटीआई कॉलेज के पास पिछले तीन दिनों से मवेशियों को रखने वाली जगह पर खतरनाक सांपों ने डेरा जमाया हुआ था। स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी वन विभाग की टीम को दी। वन विभाग के लोग सांपों को रेस्क्यू करने आए लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद ग्रामीणों ने मुंगेर के स्नेक कैचर करण पाल से संपर्क साधा। करण पाल ने मौक़े पर पहुंच कर तीनों सांपों को रेस्क्यू किया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। ज़हरीले सांप को तो काबू कर लिया जा रहा है लेकिन घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सांपों के मिलने से लोगों में डर का माहौल है।
source: oneindia.com