बालिग लड़का-लड़की अपनी मर्जी से किसी के साथ भी रह सकते है. उनके निजी जीवन मे दखल डालने का अधिकार किसी को नहीं है. ये बाते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम् फैसले मे कही है. हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार देता है, लेकिन महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, जो कि गलत है. हाईकोर्ट ने कहा की विशेष विवाह अधिनियम के तहत बिना धर्म बदले दो धर्मों को मानने वाले शादी कर वैवाहिक जीवन बिता सकते हैं. यह कानून सभी धर्म के मानने वालों पर लागू है. इसके बावजूद लोग शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, जो सही नहींं है. यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर की एकल पीठ ने सहारनपुर की पूजा उर्फ जोया व शाहवेज की याचिका पर दिया है. आपको बता दे की पूजा ने घर से भाग कर शाहवेज से शादी कर ली. जब परिवार को पता चला तो उसे पकड़ लाये और घर में नजरबंद कर दिया. जिस पर यह याचिका दाखिल की गयी. कोर्ट ने 18 साल की लड़की याची को पेश करने का निर्देश दिया. कोर्ट मे पेश होने पे पूजा ने कहा की वह अपने पति के साथ रहना चाहती है. कोर्ट ने लड़की के बयान के आधार पर उसे अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया !

One thought on “बालिग लड़के-लड़किया किसी के साथ भी रह सकते है अपनी मर्जी से, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला”
  1. Ponieważ technologia rozwija się coraz szybciej, a telefony komórkowe są wymieniane coraz częściej, w jaki sposób tani, szybki telefon z Androidem może stać się zdalnie dostępnym aparatem?

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