इस बार रक्षा बंधन का त्योहार सोमवार 3 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह त्यौहार हिंदू धर्म के प्रमुख मुख्य त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार को भाई-बहन के रिश्ते के प्रतीक के रूप में माना जाता है। रक्षाबंधन में बांधी जाने वाली राखी भाई-बहन के रिश्ते का अटूट, बेइंतहा प्यार, त्याग और समर्पण को दर्शाती है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या फिर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की मनोकामना करती है तो वहीं, भाई इसके बदले अपनी बहनों को भेंट स्वरूप तोहफे या पैसों पैसे देते हैं और उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। तीन अगस्त को सावन सोमवार, सावन पूर्णिमा श्रावण नक्षत्र का महासंयोग है जो बहुत ही उत्तम फल देने वाला है। इस दिन बन रहें ये संयोग बहुत ही लाभदायक माने जा रहें हैं।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र शुभ मुहूर्त देखकर ही बांधना चाहिए। इसके राहुकाल और भद्रा के समय राखी बांधने से बचना चाहिए। भद्रा काल में राखी ना बांधने की वजह लंकापति रावण से जुड़ी है। कहा जाता है कि रावण ने भद्राकाल में ही अपनी बहन से राखी बंधवाई। इस घटना के एक वर्ष बाद ही रावण का विनाश हो गया था। इसलिए भद्रा में राखी ना बांधें।
मान्यता के अनुसार, भगवान शनि की बहन भद्रा काफी गुस्सैल स्वभाव की थी। उग्र प्रवृति के चलते ही भगवान ब्रह्रााजी ने उन्हें श्राप दिया था कि उनके भद्राकाल में किया कोई भी काम सफल नहीं होगा इसलिए राखी के अलावा कोई भी शुभ काम तभी किया जाता है, जब भद्राकाल ना हो। यही नहीं, राहुकाल में भी किसी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है।
सुबह 5 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी, जिसमें बिल्कुल भी राखी राखी ना बांधें।
रक्षाबंधन पर राखी बांधने के दो सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त होंगे. राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम को 3 बजकर 50 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। रक्षासूत्र तीन धागों का होना चाहिए. लाल पीला और सफेद। अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए। रक्षासूत्र में चन्दन लगा हो तो बेहद शुभ होगा। कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांध सकते हैं। रक्षासूत्र बांधने के बाद कम से कम एक पक्ष तक इसे बांधे रखें। अगर अपने आप खुल जाए तो इसे सुरक्षित रख लें। बाद में इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें या मिट्टी में दबा दें।