राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) परिवार में लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती राष्ट्रीय राजनीतिक पटल को संभालना चाहती हैं, लेकिन लालू की सोमवार यानी़ 10 अक्टूबर की घोषणा ने उनके मनसूबों पर फिलहाल पानी फेर दिया है. राज्यसभा सांसद मीसा भारती, केंद्र यानी संसद में अपने सभी नेताओं का नेतृत्व की चाह रख रही हैं. इसी वजह से दो दिनों ( 9 व 10 अक्टूबर) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुई.
सत्ता को लेकर राजनीतिक परिवारों में उठा-पटक अक्सर देखने को मिलती है. लेकिन अब आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के परिवार में राजनीतिक विरासत की लड़ाई नजर आने लगी है. पेशे से डॉ. मीसा भारती राज्यसभा की सांसद भी हैं और इंग्लिश-हिंदी भाषा की अच्छी जानकार भी हैं. ऐसे में उनकी मंशा है कि राष्ट्रीय पटल संसदीय राजनीति के साथ-साथ देश की पॉलिटिक्स में अपना भविष्य बनाएं. संसद में रहती तो जरुर हैं, लेकिन मीडिया या पार्टी के तमाम मसलों से अपने आप को दूर रखा. लेकिन दिल्ली में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपने पिता लालू यादव के मुंह से ही पार्टी की आगे की रणनीति में अपनी भागीदारी संबंधी घोषणा के बारे में सुनना चाहती थीं.
तेजस्वी के हाथ राष्ट्रीय पॉलिटिक्स की कमान
राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक में जब पार्टी ने 12वीं बार अध्यक्ष घोषित किया, तब उस मंच पर मीसा भारती और तेज प्रताप के लिए लगाई गई कुर्सी खाली थी. दोनों नहीं आए. मीसा न तो पहले दिन आई और न ही दूसरे दिन. बहरहाल, लालू यादव ने उसी मंच पर यह भी घोषणा कर दी कि पार्टी का हर एक फैसला मैं और तेजस्वी यादव लेंगे. यहां तक कि पार्टी की हर रणनीति और बयान भी तेजस्वी यादव ही देंगे. जिन नेताओं को किसी प्रकार की राय रखनी हो, वह तेजस्वी यादव तक पहुंचाएंगे. जिसके बाद पार्टी के अंदर ही खलबली सी मच गई.
भाई-बहन के सत्ता प्रेम का खेल
लालू परिवार के बहुत करीबी माने जाने वाले नेता ने बताया कि यह भाई-बहन के सत्ता प्रेम का खेल है. लेकिन बहन जिस तरह से राष्ट्रीय पॉलिटिक्स करना चाहती हैं, उसे तेजस्वी यादव देना नहीं चाहते हैं. तेज प्रताप यादव तो अपने बयान के कारण कई बार विवाद में फंस जाते हैं. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के बाद मामला साफ हो गया है. पूरी पार्टी ही तेजस्वी यादव के साथ चलेगी.
जानकार यह मानते हैं कि लालू यादव जब किडनी का इलाज कराकर सिंगापुर से लौटेंगे, तब तक कुछ और ही खीर पक चुकी होगी. क्योंकि पार्टी में जहां प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह नाराज चल रहे हैं, श्याम रजक आहत हैं और कई वरिष्ठ नेता अभी भी तेजस्वी के बजाय लालू के प्रति ही लगाव रखे हैं. ऐसे में भविष्य की तस्वीर कुछ और ही रंग नजर आ सकते हैं. माना जा रहा है कि जब तक मीसा भारती चुप हैं, मामला शांत है.
Source : Tv9 bharatvarsh