पटना: मोकामा में विधानसभा उपचुनाव होना है. तीन नवंबर को वोटिंग होगी. छह नवंबर को नतीजे आएंगे. यहां दो बाहुबलियों की पत्नी के बीच सीधा मुकाबला है. यहां आरजेडी और बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. आरजेडी से पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) की पत्नी नीलम देवी (Neelam Devi) और बीजेपी से सोनम देवी (BJP Sonam Devi) उम्मीदवार हैं. सोनम देवी बाहुबली ललन सिंह (Lalan Singh) की पत्नी हैं. ललन सिंह कुछ दिन पहले ही जेडीयू को छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं.

मोकामा में शुरू से ही बाहुबलियों की धमक रही है. जीतता वही है जिसके पास बाहुबल और धनबल है. बीजेपी की उम्मीदवार सोनम सिंह के पति ललन सिंह यहां से दो बार अनंत सिंह के खिलाफ में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. एक बार एलजेपी और एक बार जन अधिकार पार्टी से उन्होंने अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. 2005 में एलजेपी और 2015 में जन अधिकार पार्टी से लड़े थे. 2010 में उनकी पत्नी सोनम देवी एलजेपी से अनंत सिंह के खिलाफ लड़ी थीं. ललन सिंह या उनकी पत्नी को जीत नहीं मिली लेकिन डटकर मुकाबला किया था.

1995 के बाद बीजेपी यहां उतार रही उम्मीदवार

कभी बाहुबली रहे व पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता सूरजभान सिंह के काफी करीबी रहे हैं ललन सिंह. सूरजभान सिंह का समर्थन इनको मिल सकता है. एक जमाने में सूरजभान की अनंत सिंह व उनके भाई दिलीप सिंह से जो अदावत थी किसी से छिपी नहीं है. ललन सिंह भूमिहार जाति से आते हैं. उनकी पत्नी को टिकट देकर बीजेपी ने भूमिहारों को साधने की कोशिश की है. मोकामा भूमिहार बहुल क्षेत्र है. 1995 के बाद बीजेपी यहां उम्मीदवार उतार रही है.

मोकामा सीट पर हैं सबकी नजरें

सवाल उठ रहा है कि क्या भूमिहार जाति से आने वाली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी महागठबंधन उम्मीदवार होने के नाते मजबूत स्थिति में हैं? अनंत सिंह का मोकामा में अपना बड़ा जनाधार है. लगातार पांच बार जीते हैं. उनके भाई दिलीप सिंह भी यहां से जीतते रहे थे. आरजेडी, जेडीयू और महागठबंधन के अन्य दलों का वोट भी उनकी पत्नी को मिलेगा. इन सब के बावजूद चुनाव दिलचस्प होगा या एकतरफा जाएगा ये तो नतीजे ही बताएंगे लेकिन इतना तय है कि इस सीट पर सबकी नजरें टिकीं हैं. अनंत सिंह को कोर्ट ने एके-47 बरामदगी के मामले में दस साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी इसलिए मोकामा सीट पर उपचुनाव हो रहा है.

मोकामा में भूमिहार वोटरों का वर्चस्व है. भूमिहार के बाद यहां ब्राह्मण, कुर्मी, यादव, पासवान वोटरों की तादाद है. वहीं इस सीट पर राजपूत और रविदास जातियों के भी वोटर हैं लेकिन माना जाता है कि जिसके पाले में सवर्ण (भूमिहार-ब्राह्मण, राजपूत) वोट जाएंगे उसकी जीत तय है. मोकामा एकमात्र ऐसी सीट है जहां जातीय समीकरण सबसे ज्यादा हावी रहते हैं. मोकामा सीट के कुल वोटर 2,70,755 हैं जिसमें पुरुष वोटर 1,42,425 व महिला वोटर 1,28,327 हैं.

Source : abp news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *