चीखते-चिल्लाते, जान बचाने की जद्दोजहद में गिरते पड़ते लोग…ये वीडियो ब्रह्मपुत्र नदी में हुए नाव हादसे का है. जिसमें 90 के करीब लोग डूब गए थे, जिनमें से दो अभी भी लापता हैं और एक महिला ने जान भी गंवा दी है. कुल 87 लोगों को राहत बचाव दल ने बचा लिया है. वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि असम के जोरहाट में बुधवार को हुआ नाव हादसा कितना भयानक था. इसके अलावा कुछ चश्मदीद भी सामने आए हैं, जिनकी हादसे में किसी तरह जान बची.

माजुली की पुण्य देवरी (52 साल) अपनी बेटी और दो पोता-पोती के साथ नाव में सवार थीं, किसी तरह सबकी जान बच गई. हादसे के बारे में देवरी ने आजतक से कहा,’अचानक से हमने तेज आवाज सुनी. हमारी नाव की दूसरी नाव से टक्कर हुई थी जो कि माजुली की तरफ से आ रही थी. टक्कर के बाद देखते ही देखते हमारी नाव डूबने लगी. सभी यात्री चिल्लाने लगे.

कुछ लोग नाव से बाहर पानी में कूद गए. हम अंदर की तरफ थे और फंस गए थे. मुझे लगा कि हम लोग मर जाएंगे. लेकिन किसी तरह हम भी पानी में कूद गए. साथ में जो सामान था वह सब वहीं छूट गया.’ हादसा इतना भयानक था कि उन्हें पूरी रात नींद नहीं आ पाई. सब चीजें आंखों के सामने ही घूमती रहीं.

बराबर में बैठी महिला की गई जान

एक अन्य महिला से भी हमने बात की, जिनकी इस हादसे में जान बची. उन्होंने बताया कि प्रतिमा दास जिनकी हादसे में मौत हुई, वह उनके बगल में ही बैठी थी. महिला ने भी बताया कि नाव के डूबने पर उन्होंने किसी तरह नीचे से ऊपर की तरफ आने की कोशिश की. दो बार वह विफल रहीं तो लगा कि अब मौत निश्चित है. लेकिन तीसरी बार में उन्हें सफलता मिल गई. ज्यादातर लोग तैरकर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर पहुंचे थे.

सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा ने किया घटनास्थल का दौरा

हादसे के बाद असम सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया है. उन्होंने बताया कि नाव दुर्घटना में 90 में से अबतक 87 लोगों को सकुशल निकाल लिया गया. इसके साथ माजुली गड़मुर महाविद्यालय की प्रोफेसर परिमिता की मौत हुई है और दो व्यक्ति अब तक लापता हैं. लापता व्यक्तियों की पहचान डॉ. विक्रमजीत बरूवा और जान बोरा उर्फ इंदेश्वर के रूप में की गई है. मामले में क्रिमिनल एक्ट के तहत केस दर्ज करके उच्च स्तरीय जांच की जा रही है.

इनपुट : आज तक

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