मुजफ्फरपुर, गैर प्रशिक्षित जवानों के हाथ में शहर की ट्रैफिक का कंट्रोल दे दिया गई है। ट्रैफिक थाने में बिहार पुलिस के प्रशिक्षित जवानों की संख्या कम है। ज्यादातर होमगार्ड जवानों को ही सभी पोस्टों पर तैनात किया गया है। इस तरह शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह होमगार्ड जवानों के भरोसे ही चल रही है। इस कारण शहर में अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है।
शहर में जिधर से निकलिए जाम में फंसना तय है। न तो लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं और न ही इसका पालन कराने वाले प्रशिक्षित जवान हैं। मुख्य रूप से कहीं भी ट्रैफिक के प्रशिक्षण जवान नहीं तैनात हैं। पूरी तरह से होमगार्ड जवानों के हाथ में ट्रैफिक की व्यवस्था दी जा चुकी हैं।
ये शहर के विभिन्न चौराहों पर खड़े होकर सिर्फ डंडा हिलाते रहते हैं। जिसका नतीजा है कि उनकी मौजूदगी में शहर के विभिन्न पोस्टों पर ट्रैफिक जाम में लोग फंसे रहते है। इन जवानों के सामने ओवरटेक कर व लेन तोड़कर लोग निकलने की कोशिश करते हैं। मगर इन पर यातायात पोस्ट पर तैनात जवानों की तरफ से काई कार्रवाई नहीं की जाती है। अगर वे रोकने को बोलते हैं तो उनकी सुनी नहीं जाती है।
व्यस्ततम चौराहों पर होमगार्ड की ड्यूटी
शहर के व्यस्ततम चौराहे कल्याणी व मोतीझील की यातायात की जिम्मेदारी होमगार्ड जवानों के भरोसे छोड़ दी गई है। सरैयागंज टावर चौक पर पुलिस पदाधिकारी के साथ छह ट्रैफिक जवान तैनात रहते हैं। अघोरिया बाजार में भी होमगार्ड जवान ही तैनात किए गए हैं। इस तरह सभी पोस्टों पर होमगार्ड जवान ही दिए गए हैं। इधर, ऑटो चालक चौराहों पर वाहन लगाए रखते हैं। इस वजह से जाम की समस्या और बढ़ जाती है। शहर में ट्रैफिक थाना खुल चुका है। थानाध्यक्ष के ऊपर यातायात डीएसपी की यहां पर तैनाती है। मगर ट्रैफिक थाने की जो भूमिका होनी चाहिए वह नहीं दिख रही है।
इस बारे में यातायात डीएसपी रवींद्रनाथ सिंह ने कहा कि ‘ट्रैफिक संचालन में प्रशिक्षित जवानों की तैनाती नहीं है। होमगार्ड व बिहार पुलिस के जवानों को ही प्रतिनियुक्त किया गया है। हालांकि ट्रेनिंग प्राप्त कर आए चार पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। इनके जरिए कोशिश रहती है कि शहरवासियों को जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।’
इनपुट : जागरण