मुजफ्फरपुर, नगर निगम बोर्ड के अंतिम बजट में अभूतपूर्व स्थिति सामने आई। महापौर ई. राकेश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को नगर भवन में ढाई माह विलंब से चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सर्वसम्मति से पारित हुआ। 85.54 करोड़ लाभ का बजट पारित कराने के बाद वे कई पार्षदों के साथ बैठक से बाहर चले गए। इसके बाद 21 पार्षदों ने नंद कुमार साह को अध्यक्ष चुनकर अन्य 10 प्रस्तावों को पास करा लिया। नगर निगम चुनाव के कुछ माह पहले इस तरह की बैठक ने राजनीति गरमा दी है।
बुधवार को बजट स्थगित करने की घोषणा के बाद भी महापौर ई. राकेश कुमार वार्ड पार्षदों के दबाव को देखते हुए बैठक में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में जो प्रस्ताव पारित हुआ वह असंवैधानिक है। सरकार से इसकी शिकायत की जाएगी। साथ ही कानून का सहारा लिया जाएगा। वहीं नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि महापौर के बाहर जाने के बाद भी पार्षदों ने बैठक जारी रखी। वार्ड 46 के पार्षद को शेष बैठक के लिए अध्यक्ष चुनकर प्रस्तावों पर चर्चा की। उन्होंने वहीं किया जो सदन का आदेश था।
अनुमानित आय 470.70 और व्यय 385.17 करोड़ रुपये
पारित बजट 85.54 करोड़ लाभ का है। इसमें अनुमानित आय 470.70 और व्यय 385.17 करोड़ रुपये दिखाया गया है। बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। प्रापर्टी टैक्स समेत किसी प्रकार के कर या शुल्क में वृद्धि नहीं की गई है। निगम ने प्रापर्टी टैक्स से 20.60 करोड़ रुपये प्राप्ति का अनुमान लगाया है। नवसृजित 245 पदों पर भविष्य में सीधी नियुक्ति के लिए पांच करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है। संपत्ति कर एवं अन्य शुल्कों के आनलाइन भुगतान की व्यवस्था का प्रस्ताव रखा गया है ताकि लोगों को घर बैठे कर या शुल्क जमा करने की सुविधा मिल सके।
बजट में इस बात की उम्मीद जताई गई है कि चालू वित्तीय वर्ष में निगम को विद्युत उपयोग पर शुल्क के रूप में बड़ी राशि प्राप्त होगी। बजट में जलजमाव से मुक्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, पर्यावरण सुविधाओं समेत नागरिक सुविधा मद में बड़ी राशि का प्रविधान किया गया है। खेलकूद के आयोजन एवं नारी सशक्तीकरण कार्यक्रम के लिए भी राशि का प्रविधान है। बैठक में उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला, नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय समेत अधिकांश पार्षद मौजूद रहे। बजट बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पारित हुआ।
इनपुट : जागरण