जिले के करीब 12000 लोगों के पास कोरोना वैक्सीन लेने का कोई सबूत नहीं है। ये लोग टीका लेने संबंधी मैसेज व प्रमाण पत्र से वंचित हैं। इसमें हर दिन करीब 150 लोग सिविल सर्जन से लेकर डीआईओ कार्यालय और कंट्रोल रूम में प्रमाण पत्र के लिए दौड़ लगा रहे हैं। कंट्रोल रूम में 2000 से अधिक लोगों ने कॉल कर कोरोना वैक्सीन लेने का मैसेज नहीं आने की शिकायत की है।
हालांकि, सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा का कहना है कि प्रखंड स्तर पर सभी पीएचसी के डाटा समन्वयक को शिकायत करने वाले लोगों के टीकाकरण का प्रमाण पत्र पोर्टल से निकाल कर देने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर सभी पीएचसी प्रभारी और डेटा समन्वय को निर्देशित किया गया है। उनके मोबाइल पर रोज ऐसे 50 लोगों का कॉल आ रहा है, जिन्हें टीका लेने के बाद मैसेज या सर्टिफिकेट नहीं मिले।
केस-1: अघोरिया बाजार के रामप्रवेश कुमार मुंबई में लेदर फैक्ट्री में फोरमैन हैं। वह लॉकडाउन के दौरान घर आए थे। अब फैक्ट्री खुलने पर बुलावा आया है। उन्होंने 12 मई को ही वैक्सीन ली। लेकिन, मैसेज नहीं आया। सर्टिफिकेट भी नहीं मिला। मुंबई जाने के लिए टीकाकरण का सर्टिफिकेट जरूरी है।
केस-2: वीसी लेन मिठनपुरा की रहने वाली अंकिता कुमारी मुंबई में मॉडलिंग का काम करती हैं। उन्होंने बीते 27 जून को कोरोना का टीका लिया था, लेकिन अब तक उन्हें वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं मिल सका। इस कारण वह फिलहाल मुंबई नहीं जा पा रही हैं।
केस-3: ब्रह्मपुरा के अनिल कुमार केरल में बैंक में कार्यरत हैं। शादी में घर आए थे। 3 जुलाई को ही कोरोना टीका लिए थे। मैसेज अब तक नहीं आया। इस कारण वे केरल नहीं जा पा रहे हैं। सर्टिफिकेट के लिए कई दिनों से डीआईओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
टीका पहले लिए, सर्टिफिकेट करेंट डेट में !
जिन लोगों को टीका लेने के बाद भी मैसेज या सर्टिफिकेट नहीं मिला, उनके सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि टीका एक माह या इससे पहले लिया, लेकिन अब उन्हें करेंट डेट का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। बताया जाता है कि इन लोगों का काेविड पोर्टल पर डाटा अपलोड नहीं किया गया।
वैक्सीन लग गई, लेकिन सर्टिफिकेट नहीं मिला,मैसेज आया है लेकिन रिकॉर्ड अपडेट नहीं है। नाम की स्पेलिंग गलत है। उम्र गलत लिखा गया है।सर्टिफिकेट गलत तारीख को जारी हुआ है। वैक्सीन है कि नहीं दूसरा डोज कब लगेगा।
Input: dainik bhaskar