नई दिल्ली: कोरोना वायरस को हराने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन पर अब भी तरह तरह के रिसर्च चल रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस वैक्सीन की मिक्स डोज की काफी चर्चाएं हुई हैं. फिलहला अभी तक जिन लोगों ने भी वैक्सीन (Corona Vaccine) की मिश्रण डोज ली है उनमें किसी भी तरह के हानिकार प्रभाव सामने नहीं आए हैं. इस बीच पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने वैक्सीन के मिश्रण में जारी एक अध्यय में कहा कि है कि लोगों को कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) के मिश्रण की एक खुराक एक वैक्सीन की दो खुराक से कहीं ज्यादा प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है. इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन के मिश्रण (vaccine cocktail) डोज को दिए जाने की भी पहल की जैसे की पहले कई देशों में किया जा चुका है.

आईसीएमआर नेशनल इंसटीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने वैक्सीन के कॉकटेल का अध्ययन 18 लोगों पर किया. फिलहाल अभी इस टेस्टिंग की समीक्षा की जानी बाकी है. अध्ययन में शामिल व्यक्तियों की तुलना ऐसे लोगों से की गई जिन्हें कोविशील्ड या फिर कोवैक्सीन दी गई थी. आइए डिटेल में जानते हैं कि टीकों के मिश्रण का क्या प्रभाव पड़ा और किन देशों में वैक्सीन का कॉकटेल दिया जाने लगा है.

इन देशों ने अलग-अलग वैक्सीन की खुराक मिलाने की इजाजत दी है.

कनाडा- कनाडा ने कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति की कमी को पूरा करने और देश में बढ़ती स्वास्थ्य चिंताओं को हटाने के लिए कोविड 19 टीकों के मिश्रण की अनुमति दी. ऐसा करने से उम्मीद है कि वैक्सीन की दो खुराक लेने में कमी आएगी.

थाईलैंड
थाईलैंड ने एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन को दूसरी खुराक के रूप में मिलाने की अनुमति दी थी. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ऐसे लोगों को दी गई जिन्होंने पहली डोज में सिनोवैक ली थी. थाईलैंड का यह कदम चीनी वैक्सीन का पहला सार्वजनिक रूप से मिक्स एंड मैच था. देश के स्वास्थ्य मंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने कहा इस बारे में कहा कि यह डेल्टा संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा को अधिक मजबूत बनाने के लिए है.

वियनाम
वियतनाम ने 13 जुलाई को यह घोषणा की थी कि वह फाइजर और बायोएनटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एमआरएनए वैक्सीन को दूसरी खुराक के रूप में उन लोगों को दी जाएगी जिन्होंने पहली खुराक में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ली थी.

इटली
इटली सरकार ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग पर रोक लगाने के बाद 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों को फाइजर या माडर्ना वैक्सीन के टीके लगाने के आदेश पारित किए. यह टीके उन लोगों को दिए जाने थे जिन्होंने एस्ट्राजेनेका की पहली खुराक ली थी.

भूटान
जून में भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि टीकों की आपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें कोविड -19 वैक्सीन के मिश्रण को अनुमति देने में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने बताया कि देश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी को वैक्सीन की पहली डोज के रूप में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन दी गई थी और अब दूसरी खुराक के बीच 12 सप्ताह का अंतराल इस महीने खत्म होने वाला है.

फिनलैंड
14 अप्रैल को, फ़िनलैंड के स्वास्थ्य और कल्याण संस्थान ने घोषणा की कि 65 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को एस्ट्राजेनेका के टीके की पहली खुराक मिल सकती है और इसके बाद उन्हें अपनी दूसरी खुराक के लिए एक वैकल्पिक शॉट मिल सकता है.

फ्रांस
अप्रैल में, फ्रांस की शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार परिषद ने सुझाव दिया कि 55 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को जिन्हें पहले एस्ट्राजेनेका दिया गया था, उन्हें तथाकथित मैसेंजर आरएनए टीकाकरण की दूसरी खुराक दी जानी चाहिए.

नार्वे
नार्वे ने भी वैक्सीन के कॉकटेल पर सहमति जतात हुए 23 अप्रैल को कहा कि जिन रोगियों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक खुराक मिली है, उन्हें एमआरएनए वैक्सीन की दूसरी खुराक मिलेगी.

स्पेन
19 मई को, स्पेनिश स्वास्थ्य मंत्री कैरोलिना डारियास ने कहा कि 60 वर्ष से कम उम्र के लोग जिन्हें पहले एस्ट्राजेनेका वैक्सीन मिली थी, वे एस्ट्राजेनेका या फाइजर के टीके की दूसरी खुराक के मिल सकती है.

यूके
जनवरी में, यूनाइटेड किंगडम ने घोषणा की कि असाधारण असामान्य परिस्थितियों में, जैसे कि जब प्रारंभिक टीका स्टॉक से बाहर हो जाता है, लोगों को दूसरी खुराक के लिए एक अलग टीका की पेशकश की जाएगी.

Source : News18

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