पटना. कर्मचारी राज्य बीमा निगम, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मुजफ्फरपुर में 100 बेडों के इएसआइ अस्पताल निर्माण करने की स्वीकृति दे दी है. यह अस्पताल स्वतंत्र रूप से कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा ही चलाया जायेगा.

श्रम संसाधन विभाग के द्वारा मुजफ्फरपुर में अस्पताल खोले जाने के लिए आग्रह किया गया था, जिससे बाद यह केंद्र सरकार से इसकी अनुमति मिल गयी है.

श्रम विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में इस अस्पताल के शुरू होने पर तिरहुत प्रमंडल के कर्मियों को बहुत लाभ मिलेगा.

उन्होंने कहा कि यह अस्पताल को एक बड़े अस्पताल के रूप में जाना जायेगा. इसके अलावा यहां सुविधा होने से नेपाल की सीमावर्ती जिले के लोग लाभान्वित होंगे एवं आसपास के जिलों के कर्मियों को भी फायदा होगा.

उन्होंने कहा कि उत्तरी बिहार के लोगों को खास कर तिरहुत प्रमंडल अंतर्गत कार्यरत कर्मियों के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में निवास करने वाले आमजनों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया करायी जा सके.

अररिया, अरवल, बांका, शिवहर और सुपौल में खुलेंगे ब्लड बैंक

राज्य के पांच जिलों में खून की गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है. स्वास्थ्य विभाग अररिया, अरवल, बांका, शिवहर और सुपौल पांच जिलों में ब्लड बैंक की स्थापना करने जा रहा है. ब्लड बैंक की स्थापना होने के बाद इन जिलों में न सिर्फ ब्लड कलेक्शन का काम होगा, बल्कि ब्लड सेपरेशन का काम भी किया जायेगा.

ब्लड सेपरेशन के बाद थैलसिमिया, हीमोफिलिया व डेंगू जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियों के इलाज में आसानी होगी. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि इन जिलों में अभी तक मरीजों की सुविधा के लिए ब्लड स्टोरेज सुविधा दी गयी है.

उन्होंने बताया कि तीन माह में इन पांचों जिलों में ब्लड बैकों की स्थापना का कार्य पूरा कर लिया जायेगा. ब्लड बैंक की स्थापना के लिए आवश्यक उपकरण की स्थापना के बाद उसके लाइसेंस के लिए अनुशंसा नाको को भेजी जायेगी. ब्लड बैंक की स्थापना होने के बाद मरीजों को दूषित रक्त नहीं मिलेगा.

इनपुट : प्रभात खबर

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