अहियापुर इलाके की एक महिला को दहेज के लिए जिंदा जलाकर मार देने के मामले में एडीजे- नौ के कोर्ट ने पति समेत तीन आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपितों में पति विजय शंकर झा, ससुर शशिकांत झा और सास श्यामल देवी शामिल है। एडीजे नौ संजीव कुमार पांडेय ने इन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
बता दें कि घटना करीब छह साल पूर्व 25 अक्टूबर 2015 को हुई थी। मरने से पहले उक्त टुनी देवी ने पुलिस को बयान दिया था। जिसमें बताया था कि उसकी शादी अहियापुर सरस्वती नगर गली नंबर एक के विजय शंकर झा से साल 2009 में हुई थी। शादी के बाद एक पुत्री व दो पुत्र हुए। ससुराल वाले खाने-पीने की तकलीफ देते थे। इस बीच 25 अक्टूबर की दोपहर इसी बात को लेकर सास श्यामल देवी व गोतनी रेणु देवी से विवाद हुआ। उस समय पति और ससुर भी वहीं थे। गोतनी केरोसिन का डब्बा लेकर आई और शरीर पर डाल दिया। इसके बाद माचिस जलाकर आग लगा दी।
गंभीर स्थिति में उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया। इसके बाद उसे पटना रेफर कर दिया गया था, जहां निजी अस्पताल में 31 अक्टूबर 2015 को उसकी मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने 31 अक्टूबर 2015 को ही आरोपित पति विजय शंकर झा को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह जेल में ही बंद है। बताते चलें कि अभियोजन की ओर से एपीपी राजीव रंजन राजू ने गवाहों का बयान कराया और अन्य साक्ष्य भी पेश किए थे।
Input: Dainik Jagran
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