मुजफ्फरपुर, पूरा देश 77 वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मना रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर में भी हर्षोंल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रेल पुलिस ने एक शानदार पहल शुरू की है। दरअसल, जंक्शन पर घूमने वाले लावारिस बच्चों के लिए मुजफ्फरपुर रेल एसपी कुमार आशीष के पहल पर रेल पुलिस पाठशाला की शुरुआत की गई है। इस अनोखी पहल में विभिन्न प्लेटफार्म भटकने वाले लावारिस और जरूरतमंद बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। आज स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर रेल पुलिस मुजफ्फरपुर ने करीब दो दर्जन बच्चों को अज्ञानता और संभावित अपराध की दुनिया से आज़ादी देने की कोशिश की है.
मौके पर उद्घाटन के बाद रेल एसपी डॉक्टर कुमार आशीष खुद बच्चों को पढ़ाने में जुटे हुए हैं। छोटे-छोटे बच्चों को A,B,C,D सिखा रहे हैं। सबसे पहले सूची तैयार की गई थी। जिसके बाद आज इसकी शुरुआत कर दी गई है। सभी को बैग किताब कॉपी स्लेट पेंसिल पेन इत्यादि दिया गया है।कुछ दिन लगातार इनको पढ़ाने के बाद नजदीकी सरकारी स्कूलों में इनका बाकायदा एडमिशन करवा दिया जायेगा और रेल पुलिस पाठशाला भी स्कूल के समय बाद के समय में चलती रहेगी ताकि उन्हें बाकि बच्चों के समकक्ष बनाया जा सके. एसपी बताते हैं की आज बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था. कई बच्चों ने आगे चल कर पुलिस इंस्पेक्टर बनने की स्वेच्छा जताई. उपस्थित लोगों ने उनकी हौसला अफजाई की और रेल एसपी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा की कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता, अगर ठान लें तो इन बच्चों में भी हुनर और काबिलियत है. ये बिलकुल आगे भविष्य में अच्छा करेंगे और पुलिस प्रशासन के मददगार साबित होंगे. सामुदायिक पुलिसिंग के तहत वर्तमान रेल एसपी ने ऐसे कई प्रयोग पूर्व में विभिन्न जिलों में एसपी के रूप में किये हैं जिनसे अपराध नियंत्रण और बेहतर समाज की अवधारणा को लगातार बल मिला है. आज भी उनके प्रयासों को मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज और मोतिहारी की जनता बड़ी ही शिद्दत से याद करती है जिसकी बानगी उनके सोशल मीडिया एकाउंट्स पर झलकती रहती है.
रेल एसपी ने बताया कि आज से रेल पुलिस पाठशाला की शुरुआत की गई है। ताकि जिन बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाई है उन बच्चों को शिक्षा-दीक्षा मुहैया कराई जा रही है। ताकि वह अच्छे नागरिक बन सके। अच्छी शिक्षा और संस्कार ले सकें। आगे इन बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी कराया जाएगा ताकि यह बच्चे अपराध की दुनिया में न प्रवेश करें ना ही इनके माध्यम से कोई अपराध बढ़ सके. ये पुलिस और प्रशासन के मददगार साबित हो भविष्य में अच्छे नागरिक बन सकेंगे. शिक्षक के रूप में रेल पुलिस के महिला सिपाहियों, जवानों और विभिन्न श्रेणी के पदाधिकारियों के माध्यम से अलख जगाया जा रहा है। रेल एसपी के इस पहल का सभी ने सराहना की है और प्रयोग में सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं.