Bagless Saturday: बिहार में बैगलेस शनिवार की शुरुआत हो चुकी है, यानी सरकारी स्कूलों में बच्चों को शनिवार के दिन स्कूल बैग अनिवार्य रूप लेकर नहीं आना है. हालांकि, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के छात्रों के लिए ये अनिवार्य नहीं है. 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिये यह उनकी स्वेच्छा पर निर्भर करेगा. अगर वह चाहें तो सुरक्षित शनिवार गतिविधियों से जुड़ सकते हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैगलेस सुरक्षित शनिवार योजना की शुरुआत 11 नवम्बर को कर दी थी. जिसे पिछले शनिवार यानी 12 नवंबर को बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी कर लागू भी कर दिया है. हालांकि, बहुत से स्कूलों में समय से जानकारी नहीं होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका. लेकिन 19 नवंबर के लिये तैयारी पूरी है, जिसके चलते बैगलेस सुरक्षित शनिवार हर स्कूल में दिखेगा.

बैगलेस सुरक्षित शनिवार के तहत हर शनिवार को बच्चों को किताबों से भरे स्कूल बैग का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा. बच्चे उस दिन पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेंगे. शनिवार के दिन आपदाओं से बचने के उपाय के साथ रोचक गतिविधियों का दिन होगा. ये दिन जिज्ञासा, सृजन, नवाचार, तर्क, चिंतन, कला एवं सौंदर्य, खेल-कूद, सांस्कृतिक विरासत एवं धरोहर, योग आदि को समर्पित रहेगा.

प्राइमरी स्कूलों में बच्चे बस्ते के बोझ से परे जब शनिवार को स्कूल आएंगे तो अपने साथ रंग, कोरा कागज, खिलौने और बाल पत्रिका ला सकेंगे. इस दिन को उन्हें सर्जक, उद्यमी तथा रचनाकार बनाने की पहल की जाएगी. 12 विषयों की 120 गतिविधियों को इस दिन के लिये तय किया गया है.

बैगलेस सुरक्षित शनिवार योजना बिहार के सभी 72 हज़ार विद्यालयों में पौने दो करोड़ छात्रों पर अनिवार्य रूप से लागू रहेगी. हालांकि, 9वीं से 12वीं के करीब 8 हज़ार स्कूलों के 60 लाख छात्रों के लिए ये अनिवार्य रूप से लागू नही होगा. इस नई शिक्षा नीति में सैद्धान्तिक शिक्षा के साथ साथ छात्रों के लिये व्यावसायिक शिक्षा कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा को शामिल किया गया है.

इनपुट : आज तक

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