मुजफ्फरपुर, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा हाल में शनिवार को दूसरे की जगह बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की परीक्षा दे रहे युवक को पकड़ा गया। केंद्राधीक्षक प्रो. नागेंद्र नारायण मिश्र ने मजिस्ट्रेट नवीन कुमार स‍िंंह के सामने उसे विश्वविद्यालय थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। युवक की गिरफ्तारी से देश के कई हिस्से में चल रही बीएचएमएस की परीक्षा के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है। गिरफ्तार युवक खगडिय़ा जिले के चौथम थाना क्षेत्र के कैथी गांव निवासी ललन शर्मा का पुत्र जयजय शर्मा बताया गया है।

वह बेगूसराय साहेबपुर कमाल के रहने वाले चौथे वर्ष के विद्यार्थी राकेश कुमार राज की जगह परीक्षा दे रहा था। जयजय की गिरफ्तारी की खबर लगते ही बिहार, झारखंड समेत अन्य राज्यों में फैले साल्वर गैंग के सदस्यों में हड़कंप है। बता दें कि बीएचएमएस के 2015-20021 तथा 2016-2022 सत्र के चौथे और पहले सत्र की परीक्षा हो रही है। यहां 14 जिले का केंद्र हैं। बीएचएमएस चौथे वर्ष की परीक्षा पहली और प्रथम वर्ष की दूसरी पाली में हो रही है। शुक्रवार से शुरू हुई यह परीक्षा छह दिनों तक चलेगी। शुक्रवार की परीक्षा में राकेश बैठा था कि नहीं, इसका पता लगाया जा रहा है।

पकड़े जाने के बाद से ताबड़तोड़ आने लगा फोन

परीक्षा हाल में जैसे ही युवक पकड़ा गया, खबर तेजी से फैली। विश्वविद्यालय थाना लाए जाने के समय उसके एक परिचित ने उसे मोबाइल दे दिया। इसके बाद उसपर लगातार फोन आता रहा। पटना, हाजीपुर, खगडिय़ा, बेगूसराय आदि जिलों से फोन आए। पुलिस ने साउंड आन कर बात कराई। कोई पूछ रहा था, कैसे हो? कोई किसी तरह की ङ्क्षचता नहीं करने की बात कह रहा था। वह सबकुछ ठीक होने की जानकारी सभी को दे रहा था। यही नहीं परीक्षा खत्म होने के बाद खुद को जयजय शर्मा का सीनियर बताते हुए एक व्यक्ति ने थानेदार को प्रलोभन भी दिया, मगर इसका असर नहीं हुआ।

एडमिट कार्ड पर सटे फोटो पर मुहर का निशान नहीं होने से पकड़ा गया

केंद्राधीक्षक ने बताया कि एडमिट कार्ड पर बड़े शातिराना तरीके से उसने दूसरे के बदले अपना फोटो लगा लिया था। इससे मोहर फोटो के अंदर चला गया था। फोटो पर इसने खुद से सत्यापित कर रखा था, ताकि कोई पकड़ नहीं पाए। फोटो के अंदर मोहर होने पर वह पकड़ में आ गया। पूछताछ में सब कुछ सामने आ गया।

पुलिस के फोन पर नाम बदलकर की बात

युवक की गिरफ्तारी के तुरंत बाद राकेश कुमार राज को भी इसकी जानकारी हुई। इसके बदले ही वह परीक्षा दे रहा था। पुलिस ने जब उसको फोन मिलाया तो वह नाम बदल कर बात करने लगा। मगर गिरफ्तार युवक के मोबाइल पर डा. राकेश राज के नाम से नंबर सेव होने से उसकी चोरी पकड़ी गई। बताया जा रहा कि 27 को एडमिट कार्ड मिला। 28 को परीक्षा का सौदा हुआ। इसके अगले दिन ललन मुजफ्फरपुर आ गया। इसका सारा खर्च राकेश ने उठाया।

वाट्सएप चैट से हो रही थी बात

गिरफ्तार युवक परीक्षा के एक दिन पहले यहां आया। इमलीचट्टी स्थित एक होटल में ठहरा। इसके आने-जाने और होटल में ठहरने का सारा खर्च भेजने वाला दे रहा था। वाट्सएप पर चैट से लगातार संपर्क में था। कितने पैसे में वह परीक्षा देने को तैयार हुआ इसकी जानकारी नहीं दे रहा है। केवल यही बोल रहा, मित्र है इसलिए परीक्षा देने आ गए। बताया जा रहा कि इस तरह के कार्य में चार लाख रुपये का सौदा होता है।

इनपुट : जागरण

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