मुजफ्फरपुर के देवरियाकोठी में मेला घुमने आयी एक किशोरी को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप किया गया। घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। गुरुवार को देवरिया पुलिस ने पीड़िता का सदर अस्पताल में मेडिकल कराया है। साथ ही कोर्ट में धारा-164 का बयान भी दर्ज कराया है। फिलहाल आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस का दावा है कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द उसे पकड़ा जाएगा।
जानकारी हो कि, देवरिया थाना क्षेत्र की एक किशोरी विजयादशमी का मेला घुमने देवरिया आयी थी। वहीं से पारू के फतेहाबाद निवासी किराना दुकानदार के पुत्र और उनके दो दोस्त उसके पीछे पड़ गये। लौटने में शाम हो गया था। सुनसान जगह पर पीड़िता को तीनों जबरन अगवा कर लिया। मेला से दूर हटकर उसे एक झाड़ी में ले गए जहां तीनों ने उसके साथ गैंगरेप किया। इस दौरान एक वीडियो भी बनाया। किशोरी को वीडियो वायरल करने व जानमारने की धमकी भी दी। किशोरी किसी तरह तीनों के चंगुल से छुटकर घर गई। लेकिन, हत्या की धमकी से सहमी किशोरी ने इसकी जानकारी परिजनों को उस समय नहीं दी।
एसडीपीओ सरैया राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी को छापेमारी की गई है। साथ ही पीड़िता का मेडिकल कराया गया है। अन्य साक्ष्य को एफएसएल जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। इसके लिए आईओ को कोर्ट से अनुमति लेने का निर्देश दिया गया है।
वीडियो वायरल होने पर परिजनों को दी जानकारी :
आरोपितों ने पीड़िता को धमकाया। चेताया कि अगर इस घटना की शिकायत परिजन या पुलिस से की तो वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। साथ ही हत्या करने की भी धमकी दी। वीडियो वायरल होने की जानकारी होने के बाद पीड़िता ने तीन दिन बाद इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। किराना दुकानदार के बेटा और उसके दोस्तों द्वारा रेप किये जाने की बात कही। इसके बाद पीड़िता के परिजन किराना दुकानदार के पास पहुंचे। इसकी शिकातय की। किराना दुकानदार देवरिया में ही किराये पर कमरा लेकर दुकान चलता है। बेटा भी साथ रहता था।
ममाले को रफा-दफा करने को बुलायी गई पंचायत :
गैंगरेप की जानकारी मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गयी। आरोपित पक्ष ने गांव के कई दबंग और सफेदपोश से संपर्क किया और मामले को रफादफा करने का प्रयास किया। इसके लिए गांव में पंचायत बुलायी गई। पीड़ित पक्ष ने आरोपित को पंचायत में उपस्थित होने व सजा देने की बात रखी। लेकिन, आरोपित पंचायत में शामिल नहीं हुआ। कथित पंचों ने पीड़ित पर रुपये लेकर मामला खत्म करने का भी दबाव बनाया गया। लेकिन, पीड़ित पक्ष नहीं माना और थाने में आवेदन दिया। इसके आधार पर पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया गया।
Input : Live hindustan