राज्य में शराबबंदी कानून में दूसरी बार संशोधन का प्रस्ताव है। इसके तहत शराब की बिक्री संगठित अपराध की श्रेणी में आएगा और इसमें लगे लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी। ऐसा कोई भी पदार्थ जिसे शराब में बदला जा सके, उसे मादक द्रव्य घोषित करने का प्रावधान भी होगा। साथ ही शराब मामलों का ट्रायल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर रैंक के अधिकारी भी कर सकते हैं। संशोधन का उद्देश्य कोर्ट में लंबित मामले को कम करने के साथ शराब माफिया व तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना है।
अभी शराबबंदी कानून के उल्लंघन के 30-40% मामले पीने वालों के खिलाफ हैं। इससे शराब तस्करी से जुड़े बड़े मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही। संशोधन के बाद उन्हें जल्द सजा दिलाने में मदद मिलेगी। नए प्रावधान के अनुसार जिस जगह से शराब बरामद होगी, उसे अब एएसआई भी सील कर सकेंगे। अभी यह अधिकार एसआई और ऊपर के अधिकारियों को है। जब्त शराब को अगर किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगह पर ही डीएम के आदेश से नष्ट किया जा सकेगा।
Source : Dainik Bhaskar