यूपी में जब से नई जनसंख्या नीति लाने को लेकर बात शुरू हुई थी तब से इसे बिहार में लागू करने की बात को लेकर यहां की राजनीति गरमा गई है। बिहार में कई बार जनसंख्या नीति को लागू करने को लेकर हंगामा हो चुका है। एक बार फिर बिहार में जनसंख्या नीति पर बयानबाजी और विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख से अलग रुख अपनाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक ने बुधवार को विधानसभा के पटल पर जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की। विधायक विजय कुमार खेमका ने इस आशय का ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में कहा गया है, हम सभी जातियों और समुदायों में दो बच्चों के मानदंड को लागू करने की आवश्यकता की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। हालांकि, सरकार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कुछ नहीं कहा।
प्रस्ताव में करुणाकरण समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की गई है, जिसमें दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने जैसे उपाय प्रस्तावित किए गए थे। इससे पहले बिहार विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए खेमका ने कहा, हम सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध करते हैं। यह उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना कि शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाना।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह नीतीश कुमार को परेशान करने के लिए भाजपा की रणनीति है, जो अब बिहार में राजग सरकार में मजबूत स्थित में है, जिसपर खेमका ने कहा, “यह पार्टी के बारे में नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के बारे में है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने हाल ही में असम और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा सरकारों द्वारा लाए गए जनसंख्या नियंत्रण बिलों पर असहमति व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि जन जागरूकता बढ़ाने और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने से इस लक्ष्य को बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है।
Input: live hindustan