मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में इस साल जुलाई महीने में भी एईएस (AES) बीमारी का कहर दिख रहा है. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच (SKMCH, Muzaffarpur) में इलाजरत एक और बच्चे की मौत इस बीमारी से हो गई है. बीती रात यानी बुधवार को सीतामढ़ी के 5 वर्षीय अंकित ने एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उसे 24 जुलाई को एसकेएमसीएच के शिशु विभाग में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पीडीया आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था.

शुरू से ही एईएस प्रोटोकॉल के तहत उसका इलाज चल रहा था, बाद में जांच रिपोर्ट आने के बाद उसमें एईएस की पुष्टि हुई थी. अंकित की मौत के साथ एईएस मरने वाले बच्चों की संख्या 12 हो गई है जबकि इससे प्रभावित बच्चों की संख्या 54 हो गई है.

जुलाई महीने में इस बीमारी का केस सामने आना इस साल लोगों को हैरान कर रहा है. इस मामले में एसकेएमसीएच शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष एवं उपाधीक्षक डॉक्टर गोपाल शंकर सहनी ने बताया है कि वातावरण में उमस और नमी की वजह से बच्चे बीमार हो रहे हैं.

जुलाई महीने के बीते 10 दिनों में एईएस बीमारी के लगभग एक दर्जन मामले सामने आए हैं. आमतौर पर जुलाई महीने में बारिश के बाद इस बीमारी का प्रकोप समाप्त हो जाता था लेकिन मौसम में बदलाव बच्चों को शिकार बना रहा है. एईएस के बदलते ट्रेंड को देखते हुए एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग चौकस हो गया है. पीकू वार्ड में एईएस पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए पूरी तैयारी है. एसओपी के मुताबिक सभी दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है. जिला प्रशासन ने बरसात आ जाने के बावजूद जागरूकता अभियान को जारी रखा है.

एसडीएम पश्चिमी अनिल कुमार दास ने बताया कि शनिवार को प्रभावित गांव में वरीय अधिकारियों का जागरूकता अभियान कार्यक्रम जारी है. इसके तहत वरीय अधिकारी पंचायतों में जाकर लोगों को जागरूक करते हैं. डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से डोर टू डोर जागरूकता अभियान भी जारी रखा गया है. बीमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में सहयोग के लिए सभी बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ, थानाध्यक्ष को जिलाधिकारी ने निर्देशित कर रखा है. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जा रही है.

Source : News18

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