जहां एक ओर कुछ युवा नौकरी ना मिलने पर हताश हो जाते हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ युवा ऐसा काम कर जाते हैं जो सबके लिए बड़ा उदाहरण बन कर सामने आते हैं. ऐसा ही एक नाम है बिहार के पटना की रहने वाली प्रियंका गुप्ता का. ग्रेजुएट होने के बाद भी नौकरी ना मिलने पर प्रियंका गुप्ता ने चाय की दुकान खोलने का फैसला किया. आज प्रियंका ‘ग्रेजुएट चाय वाली’ के नाम से मशहूर हो गई हैं.

बिहार की राजधानी पटना के सबसे वीआइपी इलाके बेली रोड पर पटना वीमेंस कॉलेज के ठीक सामने प्रियंका गुप्‍ता ने चाय का दुकान खोला है. प्रियंका को यह फैसला लिए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है. वह 11 अप्रैल से ही चाय बेचने का काम कर रही हैं. बड़ी बात ये है कि अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट होने के बावजूद भी प्रियंका को चाय का ठेला लगाने में कोई झिझक या शर्मिंदगी महसूस नहीं होती. वह कहती हैं, “चायवाला हो सकता है तो चायवाली क्यों नहीं हो सकती.”

प्रियंका मूल रूप से पूर्णिया के बनमनखी की रहने वाली हैं. वह 2019 में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट हैं. वो पिछले कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहीं हैं. परीक्षा में लगातार असफलता मिलने के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्‍होंने अपने गांव वापस जाने की बजाय पटना में चाय का ठेला लगा कर आत्मनिर्भर भारत का रास्‍ता चुना है.

प्रियंका के दुकान पर सबसे बड़ी ग्राहक वीमेंस कॉलेज की छात्राएं हैं. पटना वीमेंस कॉलेज (Patna Women’s College) की छात्राओं से घिरी ‘ग्रेजुएट चाय वाली’ प्रियंका बताती हैं चाय बेचने का आइडिया ‘एमबीए चाय वाला’ प्रफुल्ल बिलोर का वीडियो देखने के बाद आया. प्रियंका की मानें तो यदि अपने जीवन में कुछ अलग करने की ठानी हो और उस लक्ष्य को लेते हुए आगे बढ़ते हैं तो आपको मंजिल जरूर मिलती है.

प्रियंका बताती हैं कि, चाय की दुकान खोलने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. उन्‍होंने कई बैंकों से संपर्क किया, ताकि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन स्कीम के तहत पैसे मिल जाए. उनका दावा है क‍ि किसी बैंक ने कोई मदद नहीं की. इसके बाद दोस्तों से 30 हजार रुपये की मदद लेकर 11 अप्रैल को पटना वीमेंस कालेज के पास चाय की दुकान खोल दी.

Source : Tv9 bharatvarsh

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