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पटना का महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन आखिरकार सात जून से चालू हो जायेगा. इसका लोकार्पण देश के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. इससे पहले पश्चिमी लेन को जून 2020 में चालू कर दिया गया था. ऐसे में दोनों लेन से आवागमन शुरू होने के बाद उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक बार फिर से बेहतर सड़क कनेक्टिविटी बन जायेगी.

2017 में पुननिर्माण का कार्य शुरू हुआ था

गांधी सेतु की जर्जर हालत को देखते हुए वर्ष 2014 में केंद्र और राज्य सरकार के बीच इसकी मरम्मत कराने पर सहमति बनी थी. पहले पश्चिमी लेन के कंक्रीट के सुपर स्ट्रक्चर को तोड़कर स्टील से उसका पुननिर्माण 2017 में शुरू हुआ और जून 2019 में उसे पूरा करने की समय सीमा तय की गयी थी. बाद में इस समय सीमा को बढ़ाकर दिसंबर 2019 व फिर मार्च 2020 तक कर दिया गया था. अंत में पश्चिमी लेन जून 2020 में चालू हुआ था. उसी साल मॉनसून के बाद पूर्वी लेन का भी पुनर्निर्माण शुरू किया गया था.

1982 में पहली बार बना था पूल

पूल के उद्घाटन के बाद अब फिर से गांधी सेतु पर बड़े-बड़े मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा. अगले चार वर्षों तक निर्माण एजेंसी को सेतु के मेनटेनेंस का भी काम करना होगा. दिलचस्प बात ये है कि जब पहली बार गांधी सेतु वर्ष 1982 में बना था तब इसकी लागत 87 करोड़ रुपये थी, पर अब सिर्फ इसका सुपर स्ट्रक्चर बदलने के लिए 1382 करोड़ रुपये खर्च किए गए है. वहीं इस सेतु को लगातार चालू रखने के लिये मरम्मत पर भी 102 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं.

इनपुट : प्रभात खबर

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