बिहार के जमुई में सिकन्दरा प्रखंड के कुमार गांव में मंदिर के किनारे बने तलाब की खुबसूरती को बढ़ाने के लिए खुदाई का काम चल रहा था. इस दौरान प्राचीन शिवलिंग और मां पार्वती की प्रतिमा मिलने की खबर पूरे गांव में फैल गई. सैकड़ों की तादाद में लोग मौके पर पहुंचे और हर-हर महादेव के नारे लगाने लगे. शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा मिलते ही ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी. शिवलिंग की लंबाई लगभग चार फीट है.

कुमार गांव के निवासी और मंदिर कमेटी के सदस्य अनुज कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर के किनारे तालाब की खुदाई का काम चल रहा था. जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही थी. तभी जेसीबी के ड्राइवर ने कहा कि यहां पर कोई बड़ा सा पत्थर है, जो शिवलिंग की तरह लग रहा है. तुरंत ही एहतियात के साथ उसे निकालकर से धोया गया. तब पता चला कि यह तो शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा है.

जानकारों का कहना है कि पिछले 45 वर्षों में मंदिर के आसपास से तीन बार शिवलिंग निकले हैं. नेतुला मंदिर का इतिहास 2600 साल पुराना है. भक्तों का मानना है कि यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है. शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्ति को मां नेतुला मंदिर में लाल कपड़े में बांधकर रखा गया है और इनकी पूजा की जाएगी.

मां नेतुला मंदिर कमेटी के अध्यक्ष हरदेव सिंह का कहना है कि जैन धर्म के पवित्र कल्पसूत्र के मुताबिक, 2600 साल पहले जब भगवान महावीर ज्ञान प्राप्ति के लिए निकले थे तो वो पहला रात्रि विश्राम नेतुला मंदिर से सटे एक बरगद के पेड़ के नीचे किया था.

Source : Aaj Tak

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