मोदी सरनेम केस में मिली सजा के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गाँधी को बड़ी राहत देते हुए उन्हें मिली सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक अपील लंबित है तब तक सजा पर रोक है। सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्णेश मोदी की ओर से सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने पैरवी की।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोष सिद्धि पर रोक की बात है, वहां हमने कुछ तथ्यों पर विचार किया. इस केस में जो अधिकतम सजा हो सकती है, वो राहुल को दी गई है. ट्रायल कोर्ट के जज ने अपने आदेश में साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा ही मुकर्रर करने की जरूरत क्या है. जज को साफ करना चाहिए था कि अधिकतम सजा देने की वजह क्या है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये एक ऐसा मामला है, जो आसंज्ञेय अपराध की कैटगरी में आता है. राहुल का बयान ठीक नहीं था. सार्वजनिक जीवन में होने के चलते राहुल से और ज्यादा जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है.

SC के फैसले पर कांग्रेस का रिएक्शन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिएक्शन देते हुए कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है. सत्यमेव जयते – जय हिंद.’

क्या है पूरा मामला

मार्च में सूरत की एक अदालत द्वारा अप्रैल 2019 के इस मामले में दोषी ठहराये जाने और दो साल की जेल की सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस नेता को लोकसभा की सदस्‍यता से अयोग्‍य करार दिया गया था. अप्रैल 2019 में एक नामांकन रैली के दौरान उन्‍होंने कहा था, “सभी चोरों के उपनाम मोदी ही क्‍यों होते हैं.” उनका अभिप्राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भगोड़े घोटालेबाजों ललित मोदी तथा नीरव मोदी के बीच कटाक्षपूर्ण तुलना से था.

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