बिहार में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले कम होते जा रहे हैं वैसे ही पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर भी तेजी देखने कोमिल रही है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राज्य निर्वाचन आयोग आने वाले दो से तीन महीने में बिहार पंचायत चुनाव का आयोजन करवा सकता है. इसके लिए इलेक्शन कमिशन ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. चुनाव के लिए पर्याप्त ईवीएम जुटाने की तैयारी भी शुरू से शुरू कर दी गई है.

वहीं बात करे पंचायत चुनाव तारीख की तो मिली जानकारी के अनुसार सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर नहीं दिखती है तो आयोग इलेक्शन का कार्यक्रम जारी कर देगी. साथ ही सब कुछ ठीक रहने पर दिसंबर तक पंचायत चुनाव को कर भी लिया जाएगा. इस चुनाव को कराने के लिए आयोग ईवीएम की एम 2 को इकट्ठा कर रही है. साथ ही इसे दूसरे राज्यों से भी मांगने का निर्णय भी लिया है. फिलहाल तो राज्य निर्वाचन आयोग के पास भी अपनी खुद की ईवीएम है.

बिहार में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में करीब ढाई लाख से अधिक पदों पर चुनाव होना है. जिसके लिए ही आयोग दूसरे राज्यों से भी एम 2 मॉडल का ईवीएम मांगने जा रही है. इस समय बिहार के कई इलकों में भारी बारिश जो रही है. इस मॉनसून में बिहार के कई जिले बाढ़ के चपेट में आ जाते है. जिसे देखते हुए भी निर्वाचन चुनाव तैयारी में लगा हुआ है. जिसको लेकर बाढ़ प्रभावित जिलों से लेकर प्रखंड और पंचायतों की विस्तृत जानकारी मांगी है.

पंचायत चुनाव तक लटका रहेगा स्थानीय निकाय कोटे के 24 विधान पार्षदों का चुनाव

बिहार विधान परिषद की कुल 75 सीटों में स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटें भी खाली होने वाली हैं क्योंकि 16 जुलाई को स्थानीय निकाय कोटे के 24 विधान पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया है. ये रिक्त पद तब तक नहीं भरे जा सकेंगे जब तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना हो. कोरोना की दूसरी लहर ने पंचायत चुनाव से लेकर विधान परिषद चुनाव तक की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों को परेशान कर रखा है.

विधान परिषद की इन सीटों के चुनाव में बिहार के करीब 8000 मुखिया, ग्राम पंचायतों के एक लाख 10 हजार वार्ड सदस्य, प्रखंड स्तर के 11457 पंचायत समिति सदस्य और 1161 जिला परिषद सदस्यों के साथ ही नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के सदस्य भी वोटर होते हैं.

Input: live hindustan

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