बिहार की राजनीति में एक बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली है. नौकरशाह से राजनेता बने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दायां हाथ माने जाने वाले आरसीपी अब सीएम नीतीश और जदयू पर जमकर जुबानी तीर छोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने जेडीयू को डूबता हुआ जहाज तक कह डाला.

आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरी छवि खराब करने के लिए मुझ पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का झूठा आरोप लगाया गया. पार्टी में कुछ नहीं बचा है. वो (JDU) एक डूबता हुआ जहाज है. हमसे चिढ़ है तो हमसे निपटो, हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं. वहीं जब आरसीपी सिंह से पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं? इस सवाल पर उन्होंने टो टूक जवाब देते हुए कहा, “7 जनम में नहीं बनेंगे, इस जनम की बात तो छोड़ दो.”

भ्रष्टाचार के लगे थे आरोप

बता दें कि आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे थे. 2013 और 2022 के बीच उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था और जवाब देने को कहा था. उन पर नालंदा के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन को लेकर भी सवाल उठाए गए थे. साथ ही उन पर अपनी पत्नी और अन्य लोगों के नाम से भी संपत्ति खरीदने के आरोप लगे थे.

मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से देने पड़ा था इस्तीफा

हाल ही में जेडीयू ने आरसीपी सिंह को फिर से राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था. जिसके चलते उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद जब वह पटना पहुंचे तो उन्होंने कहा था कि वह शांत नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा था कि मैं जमीन का आदमी हूं, संगठन का आदमी हूं और संगठन में काम करूंगा.

इनपुट : आज तक

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