बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. वहीं कोरोना काल के बाद चार धामयात्रा की रौनक फिर से पटरी पर लौटती हुई नजर आई. चारधाम यात्रा ने इस साल कई नए कीर्तिमान बनाए. इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ घोड़े-खच्चरों, हेली टिकट और डंडी-कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ का कारोबार हुआ है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथनानुसार चारधाम यात्रा से उत्तराखंड के नए युग की शुरुआत हो चुकी है. चारधाम यात्रा से प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है.
सीएम धामी ने कहा कि सरकार के प्रयासों व कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत 46 लाख यात्रियों ने इस साल चारधाम यात्रा की. पिछले दो दशक में यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है. वहीं श्रीकेदारनाथ धाम की अकेले बात की जाए तो यहां 15 लाख 36 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्री दर्शन करने पहुंचे.
केदारनाथ में ₹190 करोड़ का कारोबार
इस साल केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज से भी काफी बेहतर रही. सिर्फ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी-कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ का यह कारोबार हुआ है. केदारनाथ धाम में इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपये का रिकॉर्ड कारोबार किया, जिससे सरकार को भी 8 करोड रुपये से ज्यादा का राजस्व महिला है.
यात्रा आसान बनाने के लिए प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े-खच्चर रजिस्टर किए थे. इस सीजन 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की. वहीं डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपये की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपये का कारोबार किया. सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को मिला है.
यमुनोत्री में 21 करोड़ का कारोबार
यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है. यमनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े-खच्चर रजिस्टर हैं, जिला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है. यह आंकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है.
GMVN ने 8 महीने में 40 करोड़ कमा लिए
GMVN की अनुमानित आय भी ₹50 करोड़ के अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल / होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी पिछले छः माह तक बुक रही. पिछले सालों तक GMVN जहां आर्थिक नुकसान झेल रहा था. इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है. GMVN के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आंकड़ा 50 करोड़ के करीब जाने का अनुमान है. इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है.
केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का हो रहा पुनर्विकास
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों को खरीद पर 5 प्रतिशत खर्च करने के लिए अपील की गई है. आने वाले समय में हम स्थानीय उत्पादों के बिक्री की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. मानस खंड कॉरीडोर के मास्टर प्लान का काम भी जल्द ही शुरू किया जाएगा.
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य सभी पौराणिक मंदिरों को संवारना है और उसको पर्यटन से जोड़ना है. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया है. उनके विजन के अनुरूप केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का पुनर्विकास किया जा रहा है.
इनपुट : आज तक