मुजफ्फरपुर, नगर आयुक्त और मेयर के बीच चल रहे विवाद के दौरान अब नगर विधायक विजेंदर चौधरी खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी योजना के तहत चल रहे कार्य और शहर की नरकीय हालात का पूरा ठीकरा नगर आयुक्त के सिर पर फोड़ दिया है। प्रेस वार्ता कर उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त काम नहीं करवा रहे हैं। वे आम जनता को कष्ट दे रहे हैं। पक्ष-विपक्ष को लड़ाने का काम कर रहे हैं। नगर विधायक ने 19 मई को आधे दिन तक शहर में बंद का एलान कर दिया है। कहा कि 24 सूत्री मांगों को लेकर शहर बंद रहेगा। उन्होंने मांगों का ज्ञापन भी तैयार कर लिया है। जिसे मुख्य सचिव, नगर विकास एवम आवास विभाग को सौंपेंगे। इसके साथ ही वे तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त से मुलाकात कर इस पूरी योजना में चल रही गड़बड़ी और नगर आयुक्त के क्रियाकलाप से अवगत कराएंगे। उन्होंने नगर आयुक्त के ट्रांसफर और निगम में चल रही गाड़ियों के डीजल-पेट्रोल खपत की CBI जांच तक कराने की मांग कर डाली है।

दो मौतों के बाद आए सामने

शहर में जगह-जगह गड्ढा खोदकर छोड़कर दिया गया है। इसमें सबसे पहले एक युवक की करंट लगने से मौत हो गयी। वहीं शनिवार को एक मजदूर सीवरेज पाइप लाइन के गड्ढे में डूबकर मर गया। इन दो मौतों के बाद अब नगर विधायक को याद आया कि शहर की जो नारकीय हालत है। उसके जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ नगर आयुक्त है। उन्होंने कहा कि जो मन मे आ रहा है। वो काम कर रहे हैं। योजना का चयन भी खुद ही कर रहे हैं। जिससे मन हो रहा है उसी से काम करा रहे हैं। एकदम अराजकता की स्थिति बन गयी है।

19 मई को दो बैठक

बता दें कि नगर निगम में 19 मई को सशक्त स्थायी समिति की बैठक है और इसके अलावा एक विशेष बैठक भी है। इसमे भी नगर विधायक को शामिल होना है। जब उनसे पूछा गया कि आखिर इसी दिन बन्द का एलान क्यों किया। तो उन्होंने कहा कि इनलोगों को लगना चाहिए कि अगर हम मॉनसून से पूर्व काम पूरा नहीं करेंगे तो जनता पिटाई करेगी। हमारा बन्द का मुद्दा भी उस बैठक में उठेगा। जब उनसे पूछा गया कि आपपर लगातार आरोप लगता है कि आप नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं? उन्होंने कहा कि इसकी किसी ने कभी शिकायत की है क्या ? हम नगर विधायक होने के नाते नगर निगम में जाते हैं। नगर आयुक्त से शहर की समस्या या इससे जुड़ा अगर कोई कार्य होता है तो उसे करवाते हैं। फिर चले जाते हैं।

नगर आयुक्त को बताया हिटलर

नगर विधायक ने अपने मांग पत्र में ये भी लिखा है कि नगर आयुक्त का रवैया और कार्य करने की शैली हिटलर वाली है। वे मनमानी पर उतर गए हैं। इसी के लिए अब सड़क पर उतरना आवश्यक हो गया है। पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है। निगम कर्मियों के साथ नगर आयुक्त दुर्व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि बुडको हो या कोई भी। सबके अधिकारी नगर आयुक्त ही हैं। उन्हीं के इशारे पर सब कार्य हो रहा है।

इनपुट : दैनिक भास्कर

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