पटना: बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी-2022 (Bihar Textile and Leather Policy-2022) को राज्य सरकार से स्वीकृति मिल गई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 18 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए. इसके तहत टेक्सटाइल एवं चमड़े के बनने वाले समान के निर्माण में निवेश करने वाले निवेशकों को बिहार में 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलेगा. इसको प्राप्त करने के लिए जून 2023 तक आनलाइन आवेदन करना होगा.
इसे लेकर राज्य के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हमने देश की सबसे बेहतर पॉलिसी तैयार की है. इस पॉलिसी के तहत पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान समेत कई तरह की इंसेंटिव्स का प्रावधान किया गया है, जिससे देश भर के टेक्सटाइल और लेदर उद्योग से जुड़े कारोबारियों, उद्योगपतियों को बिहार में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और बिहार देश का टेक्सटाइल व लेदर उद्योगों का हब बन सकेगा.
राज्य में बड़े पैमाने पर होगा रोजगार सृजन
उद्योग मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा और चमड़ा बाजार में जबरदस्त अवसर हैं. बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 की मदद से हम भी राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन कर सकेंगे. शाहनवाज ने कहा कि बिहार में टेक्सटाइल और चमड़ा या इससे संबंधित उद्योग लगाने वालों को 10 करोड़ तक का पूंजीगत अनुदान मिलेगा तो सिर्फ 2 रुपए प्रति युनिट पॉवर टैरिफ का भी लाभ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि विद्युत दर अनुदान के माध्यम से बिहार में लगने वाली औद्योगिक ईकाईयों को प्रतिस्पर्धात्मक विद्युत दर उपलब्ध कराना मकसद है और ये बेहद जरुरी था.
5 हजार रुपए प्रति कामगार रोजगार अनुदान का भी प्रावधान
बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि कपड़ा या चमड़ा उद्योग श्रम शक्ति प्रधान उद्योग है, इसलिए इसमें 5000 रुपए प्रति कामगार रोजगार अनुदान का भी प्रावधान किया गया है, जो औद्योगिक ईकाईयों के लिए काफी मददगार साबित होंगी. इसके अलावा ऋण पर 10 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान, एसजीएसटी पर 100 प्रतिशत की छूट, सभी पात्र ईकाईयों को प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 20 हजार रुपए का कौशल विकास अनुदान, स्टैम्प शुल्क/निबंधन पर 100 फीसदी की छूट, भूमि सम्परिवर्तन पर भी 100 फीसदी की छूट जैसे कई प्रावधान हैं जो बिहार में औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करेंगे.
जून 2023 तक कर सकते हैं आवेदन
उद्योग मंत्री ने बताया कि बिहार के तेज औद्योगिकीकरण के लिए 10 लाख तक प्रति वर्ष फ्रेट सब्सिडी और 10 लाख प्रति पेंटेट के हिसाब से पेंटेट सब्सिडी का भी प्रावधान बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 में है. मंत्री ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जून 2023 रखी गई है. इस दौरान उन्होंने बिहार को टेक्सटाइल और लेदर उद्योगों के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन बताया. उन्होंने कहा कि बिहार की 53 फीसदी आबादी 35 साल से कम आयु की है यानी उद्योगों की सफलता के लिए बिहार में पर्याप्त युवा और प्रशिक्षित श्रम शक्ति है.
बड़े उद्योगपतियों को आमंत्रित करेंगी बिहार सरकार
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार था. पूरे देश में इसे प्रसारित कर टेक्सटाइल और लेदर सेक्टर के देश भर के बड़े उद्योगपतियों को हम बिहार में उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करेंगे. उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 बिहार में टेक्सटाइल व लेदर उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने में बेहद कारगर रहेगा और बिहार उद्योग क्षेत्र में पहचान बनाने में कामयाब रहेगा.
उद्योग के लिए राज्य में बेहतरीन माहौल
शाहनवाज हुसैन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करने के साथ बिहार के उद्योग जगत से जुड़े लोगों और सभी राज्यवासियों का भी धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त जो उद्योग का बेहतरीन माहौल बना है, उसमें हर किसी का योगदान है और सबके सहयोग से बिहार उद्योग क्षेत्र में पहचान बनाएगा, इसका पूरा विश्वास है.
Source : abp news
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