हाल ही में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से JDU में शामिल होने वाले नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर 31 जुलाई को काबिज होंगे. जेडीयू की नेशनल वर्किंग कमेटी की बैठक 31 जुलाई को संपन्न होगी उसमें औपचारिक तौर पर उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा.
उपेंद्र कुशवाहा की ताजपोशी तय
उपेंद्र कुशवाहा पहले JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए और उसके बाद से ये कयास लगाए जाने लगे कि क्वोइरी और कुर्मी के गठजोड़ को मजबूत करने के लिए उपेंद्र कुशवाहा को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. सात जुलाई को आर सी पी सिंह के मंत्री बनने के बाद उपेंद्र कुशवाहा बिहार के दौरे पर निकले और पार्टी का कमान उनके हाथों सौंपी जाएगी इसकी चर्चा तेज हो गई. JDU के सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक आर सी पी सिंह के मंत्री बनने के बाद उपेंद्र कुशवाहा 31 जुलाई तक जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर विराजमान हो जाएंगे. दरअसल जुलाई के अंतिम सप्ताह में नेशनल वर्किंग कमेटी की बैठक हैं और इस बात पर मुहर लग चुका है कि तब तक उपेंद्र कुशवाहा को औपचारिक तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंप दिया जाएगा.
प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में इस ओर इशारा किया जा चुका है जेडीयू के नव मनोनित पदाधिकारियों की बैठक रविवार को हुई. इस बैठक में नीतीश कुमार ने पार्टी में मचे घमासान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी में सबकुछ ठीक है और हम सब मिलकर काम कर रहे हैं. इस बैठक में इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि वो भारत सरकार के मंत्री और पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर काम संभालने के लिए पूरी तरह से योग्य हैं. लेकिन पार्टी अगर किसी योग्य और मजबूत साथी को अध्यक्ष पद सौंपने का फैसला करेगी तो वो किसी मजबूत साथी को सौंपने को तैयार हैं. इस मीटिंग में नीतीश कुमार ने इशारे में साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में वो पार्टी की कमान उपेंद्र कुशवाहा को सौंपने की तैयारी कर चुके हैं. जेडीयू के सर्वे सर्वा नेता नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का पार्टी को नंबर वन बनाने का सपना जरूर पूरा होगा और उपेंद्र कुशवाहा की तरह अन्य नेताओं को भी जनता से सीधा संवाद करने का काम शुरू करना चाहिए.
कोर वोट बैंक को साधने में लगी है JDU
क्वोइरी और कुर्मी वोट बैंक जेडीयू से पूरी तरह जुड़ जाएं इसके लिए बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही जेडीयू तत्पर दिखाई पड़ने लगी है. क्वोइरी और कुर्मी के वोट बैंक पर सीधी तरह मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए बिहार प्रदेश के अध्यक्ष पद कुशवाहा समाज के नेता को पदस्थापित किया जाएगा. जाहिर है आरसीपी सिंह कुर्मी समाज से आते हैं और सीएम नीतीश कुमार भी इसी जाति से हैं. ऐसे में पहले उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में शामिल करा जेडीयू के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया और फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी थमा लव और कुश के गठजोड़ को मजबूत करने की मंशा है. जाहिर है जेडीयू विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद समझ चुकी है कि कोर वोट बैंक को मजबूत करने के बाद ही पार्टी को बिहार में मजबूत दल के रूप में खड़ा किया जा सकता है.
इसलिए नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में क्वोइरी कुर्मी गठजोड़ को मजबूत करने के अलावा पुराने बिछड़े साथी को भी एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कवायद में जुट चुके हैं. इस कड़ी में वो पुराने साथी नरेन्द्र सिंह के सुपुत्र सुमित सिंह को जेडीयू में शामिल करा चुके हैं. जबकि कई और नेताओं से उनकी बात चल रही है.
Input: tv9