मोतिहारी. जयनगर से जनकपुर के बाद अब रक्सौल से काठमांडू तक ट्रेन चलाने की तैयारी है. पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल से नेपाल के काठमांडू रेल लाइन का फाइनल सर्वे शुरू है. कोंकण रेलवे की टीम काठमांडू तक पहुंची हुई है. टीम सर्वे का काम बीूते 10 दिनों से लगातार कर रही है. ने पाल रेल विभाग के प्रवक्ता अमन चित्रकार ने यह बताया कि भारतीय टीम से लेकर काठमांडू तक रेल लाइन का सर्वे करेगी. उन्होंने बताया कि भारत से जरूरी यंत्र और उपकरण लाने पर टीम को कोई कस्टम शुल्क नहीं देना पड़ रहा है. सर्वे का काम 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है.

इसके बाद रक्सौल काठमांडू रूट पर रेल लाइन बिछाने की रूपरेखा बनाई जाएगी. इससे पहले 2018 में इस रूट पर सर्वे का काम हुआ था. कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार रक्सौल से काठमांडू के बीच 136 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी. यह रेल लाइन रक्सौल स्टेशन से निकलकर पंटोका के रास्ते नेपाल में प्रवेश करेगी. इसके बाद नेपाल के निजगढ़ से बागमती नदी के किनारे-किनारे काठमांडू के खोकना तक रेल लाइन बनाई जाएगी. यह प्रारंभिक सर्वे के अनुसार बताया गया है.

रक्सौल से काठमांडू तक ब्रॉडगेज रेल लाइन बिछाई जाएगी. इस लाइन में 40 किलोमीटर भाग सुरंग के अंदर से गुजरेगा. रूट पर 35 बड़े पुल बनाए जाएंगे. भारत और नेपाल के बीच महाकाल नदी पर पुल बनाया जाएगा. इससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र को खासा फायदा होगा एक बड़ी आबादी का नेपाल आना-जाना आसान हो जाएगा. इससे उनके व्यापार को बढ़ावा मिलेगा इसके अलावा ने मिथिलांचल और सीमांचल का नेपाल से बेटी बहू का संबंध मंगलवार संबंध है. यहां के बहुत लड़के लड़कियों की शादी नेपाल में हुई है. ऐसे में लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा.

महाकाली नदी पर पुल बनाने के लिए मंगलवार को भारत और नेपाल के बीच समझौता हुआ है. समझौता नेपाल के लिए भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा की ओर से नेपाल के भौतिक पूर्व आधार और यातायात मंत्री रेनू यादव की मौजूदगी में सचिव नरेंद्र नाथ रविंद्र नाथ श्रेष्ठ की ओर से भारत से धारचूला नेपाल को जोड़ने वाले महाकाली नदी पर पुल बनाने के लिए हुआ है. भारत नेपाल के समानांतर 102 किलोमीटर लंबी सड़क अगले कुछ माह में बनकर तैयार हो जाएगी.

Source : News18

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