सैंकड़ों करोड़ की काली कमाई के मामले में गिरफ्तार पीयूष जैन ने अदालत से मांग की है कि मेरे ऊपर टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) 52 करोड़ रुपए काटकर बाकी रकम मुझे वापस कर दे. इस संबंध में पीयूष जैन की ओर से कोर्ट में आवेदन दिया गया है. फिलहाल, पीयूष जैन 14 दिन की न्यायिक हिरासत में कानपुर जेल में बंद है.
डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने बुधवार को बताया कि उसके घर से जो पैसा बरामद हुआ है, ये टैक्स चोरी की रकम है. बरामद रकम 42 बॉक्स में रखकर बैंक में जमा किया गया है. टंडन ने बताया कि कानपुर में 177 करोड़ 45 लाख रुपये बरामद किया गया है जिसे दो बार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराया गया है. पहली बार 25 बक्सों में 109 करोड़ 34 लाख 74 हजार 240 रुपये जबकि दूसरी बार में 17 बक्सों में 68 करोड़ 10 लाख 27 हजार की रकम बैंक भेजी गई है.
टंडन ने बताया कि बैंक में जमा रकम को भारत सरकार के नाम से एफडीआई करने के लिए डीजीजीआई की तरफ से लेटर दिया गया है. उनसे पूछा गया कि क्या पीयूष जैन को फायदा पहुंचाने के लिए डीजीजीआई ने बरामद रकम को उसके बिजनेस का टर्न ओवर माना है? उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है.
बताया गया कि पीयूष जैन ने कानपुर में तीन कंपनियां बनाई थी. उसने अपने बयान में स्वीकार किया है कि मैंने इन कंपनियों के जरिए चार साल में गुप्त रूप से पान मसाला कम्पाउंड बेचा था. उसने माल किससे खरीदा, किसको बेचा, इसका खुलासा नहीं किया है जिससे साबित होता है कि उसने टैक्स चोरी के जरिए रकम जमा की. हमने 32 करोड़ रुपए का टैक्स बनाया है, पैनाल्टी मिलाकर 52 करोड़ की देनदारी बनती है. टंडन ने बताया कि अभी जांच चल रही है. कन्नोज में कितना सोना और पैसा मिला अभी उसकी डिटेल नहीं आई है. अब तक पीयूष के सात ठिकानों पर छापेमारी की गई है जहां टैक्स चोरी पाई गई है.
डीआरआई ने भी कार्रवाई की शुरू
उधर, पीयूष जैन पर डीजीजीआई, इनकम टैक्स के बाद अब डीआरआई यानी राजस्व खुफिया निदेशालय ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पीयूष जैन के घर से 23 किलो सोने की बरामदगी पर कस्टम एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है. डीआरआई की शुरुआती जांच में बरामद हुए सोने का स्विट्जरलैंड कनेक्शन निकल रहा है, आशंका जताई जा रही है बरामद सोना अवैध तरीके से तस्करी कर मंगवाया गया था.
पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों से की गई छापेमारी में 177 करोड़ की कैश बरामदगी के साथ-साथ 23 किलो सोना मिला है. बरामद सोने के बिस्किट पर International Precious Metal Refinery (IPMR) लिखा है. दुबई के अबू धाबी मुख्यालय की इस रिफायनरी में सोने के बिस्किट तैयार होते हैं, जिसकी एक शाखा शारजाह में है और दूसरी शाखा गोल्ड लैंड बिल्डिंग, गोल्ड सोक, दुबई में है. आईपीएमआर सीधे सोने की बिक्री नहीं करता. पीयूष जैन के घर से बरामद हुए सोने के बिस्किट पर कुछ मिटाया गया भी है,
जानकारी के अनुसार, पीयूष जैन ने सोने के स्विट्जरलैंड कनेक्शन छुपाने के लिए कंपनी के नाम खरोंच कर हटा दिए गए हैं. डीआरआई को शक है कि जिन कंपनियों के नाम खरोंच कर मिटा दिए गए हैं, यह दो कंपनियां हैं और दोनों ही कंपनियों का स्विट्जरलैंड कनेक्शन है. दोनों ही कंपनियां स्विट्जरलैंड में सोने की बिक्री का कारोबार करती हैं.
डीआरआई की लखनऊ यूनिट ने सोने की बरामदगी के साथ ही कानपुर और कन्नौज में बरामदगी का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया था और जिसके बाद डीआरआई ने पीयूष जैन पर कस्टम्स एक्ट में एफआईआर दर्ज कर ली है. आशंका जताई जा रही है कि पीयूष जैन के घर से बरामद हुआ सोना गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट से भारत लाया गया है. हाल ही के दिनों में डीआरआई के द्वारा गोल्ड स्मगलिंग में की गई बरामदगी के तार बांग्लादेश और म्यांमार से जुड़े हैं. फिलहाल, डीआरआई ने केस दर्ज कर अब बरामद सोने का दुबई और स्विट्जरलैंड कनेक्शन खंगालना शुरू कर दिया है कि आखिर कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन का भारत में बिना किसी अधिकृत डीलरशिप के यह सोना कैसे पहुंचा.
Source : Aaj Tak