मशहूर कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का निधन हो गया है। उन्होंने 17 जनवरी 2022 को अंतिम सांस ली। उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने बिरजू महाराज की तस्वीर पोस्ट कर लिखा, ‘अत्यंत दु:ख और दुख के साथ सूचित किया जाता है कि हमारे परिवार के सबसे प्रिय सदस्य का दुखद और असामयिक निधन हो गया है।’ इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि बिरजू महाराज का निधन 17 जनवरी को हुआ है।
अदनान सामी ने जताया शोक
सिंगर अदनान सामी ने भी ट्वीट कर कथक सम्राट के निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘महान कथक नर्तक-पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं। हमने एक अद्वितीय प्रतिभा को खो दिया है। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। ‘
Extremely saddened by the news about the passing away of Legendary Kathak Dancer- Pandit Birju Maharaj ji.
We have lost an unparalleled institution in the field of the performing arts. He has influenced many generations through his genius.
May he rest in peace.🙏🖤#BirjuMaharaj pic.twitter.com/YpJZEeuFjH— Adnan Sami (@AdnanSamiLive) January 16, 2022
कौन थे पंडित बिरजू महाराज
पंडित बिरजू महाराज का जन्म 04 फरवरी 1938 को हुआ था। उनका असली नाम बृजमोहन मिश्रा था। वह कथक नर्तकियों के महाराज परिवार के वंशज थे। उनके दो चाचा, शंभू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता अचन महाराज भी कथक नर्तक थे। उनके चाचा ने ही उन्हें कथक सिखाया था। वो केवल 9 साल के थे तब उनके पिता का निधन हो गया था। वो कथक नर्तक के साथ- साथ मशहूर गायक भी थे।
पद्म विभूषण से सम्मानित थे
बिरजू महाराज पद्म विभूषण से सम्मानित थे। उन्होंने नई दिल्ली में संगीत भारती में तेरह साल की उम्र में नृत्य सिखाना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में भारतीय कला केंद्र और कथक केंद्र में पढ़ाया, यहां से वो 1998 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में अपना नृत्य विद्यालय खोला और इसका नाम कलाश्रम रखा। उन्होंने सत्यजीत रे की ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में दो गाने कंपोज किए थे। इसके अलावा साल 2002 में फिल्म देवदास के गाने काहे छेड़ मोहे को कोरियोग्राफ किया था।
Input : Timesnowनवभारत