Covid Orphans in India: कोरोनाकाल में करीब 1.5 लाख बच्चों के सिर से माता या पिता या दोनों का साया उठ गया. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 1 अप्रैल 2020 से 11 जनवरी 2022 तक देश में 1.47 लाख बच्चों ने कोरोना और अन्य कारणों की वजह से अपने माता-पिता ये इनमें से किसी एक को खो दिया है.

NCPCR ने हलफनामा दायर कर बताया कि महामारी के दौरान 11 जनवरी तक 10 हजार 94 बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गए हैं. वहीं, 1 लाख 36 हजार 910 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने माता या पिता में से किसी एक को खो दिया है. जबकि, 488 बच्चों को लोगों ने बेसहारा छोड़ दिया है.

आयोग के मुताबिक, 1.47 लाख बच्चों में से 76 हजार 508 लड़के और 70 हजार 980 लड़कियां हैं. वहीं, 4 बच्चे ट्रांसजेंडर हैं. ये जानकारी आयोग को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से ‘बाल स्वराज पोर्टल कोविड केयर’ ने दी थी.

8 से 13 साल के 59 हजार से ज्यादा बच्चे

– NCPCR की ओर से दायर किए गए हलफनामे में बताया गया है कि 59 हजार 10 बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 8 से 13 साल के बीच है.

– 26 हजार 80 बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 4 से 7 साल के बीच है. जबकि, 14 से 15 साल के 22 हजार 763 बच्चे शामिल हैं.

– आयोग के मुताबिक, 1 लाख 25 हजार 205 बच्चे अपने माता या पिता में से किसी एक के साथ रह रहे हैं. 11 हजार 272 बच्चे परिवार के साथ हैं. और 1 हजार 529 बच्चे बालगृह में हैं.

ओडिशा में सबसे ज्यादा बच्चे

– कोरोना महामारी के दौरान अनाथ होने वाले सबसे ज्यादा बच्चे ओडिशा में है. यहां ऐसे बच्चों की संख्या 24 हजार 505 है.

– इसके बाद महाराष्ट्र में 19 हजार 623, गुजरात में 14 हजार 770, तमिलनाडु में 11 हजार 14, उत्तर प्रदेश में 9 हजार 247, आंध्र प्रदेश में 8 हजार 760 बच्चे हैं.

– वहीं, मध्य प्रदेश में 7 हजार 340, पश्चिम बंगाल में 6 हजार 835, दिल्ली में 6 हजार 629 और राजस्थान में 6 हजार 827 बच्चों को कोरोना ने अनाथ कर दिया है.

इनपुट : आज तक

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