मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दो-तीन के बीच लगे लिफ्ट के छत में सभी टीन के छज्जे एक-एककर अचानक उड़ गए। प्लेटफार्म पर खड़ी कुछ ट्रेनों पर छज्जे सभी उड़कर गिरे तो कुछ ओएचई तार पर। जिसकी वजह से शाट-सर्किट होने से तेज आवाज के साथ रेल लाइन की बिजली बंद हो गई। देहरादून जाने के लिए प्लेटफार्म पर खड़ी मुजफ्फरपुर-देहरादून एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों के यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई। अनहोनी की किसी आशंका से यात्री घिर गए। कुछ ट्रेन से कूदकर भागने लगे। इस घटना के बाद पूरे स्टेशन परिसर में हड़कंप मच गया।
सूचना मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी व सभी जवान दौड़ पड़े। उधर से इंजीनियरिंग विभाग, इलेक्ट्रिकल, जीआरपी आदि कई विभागों के अधिकारी भागे-भागे पहुंचे। लाइन बंद होने से इलेक्ट्रिक रेल इंजन आगे नहीं बढ़ पाई। बाद में इलेक्ट्रिक विभाग के अधिकारियों ने शट-डाउन लेकर ओवरहेड तार और ट्रेन की छत पर गिरे टीन के छज्जे को हटा दिया। इस पूरे प्रकरण में डेढ़ घंटे से अधिक देरी तक ट्रेनें रुकी रही। रेल अधिकारियों की पड़ताल से पता चला कि लिफ्ट के छत पर लगे टीन के छज्जे बेहद कमजोर और बिना किसी सपोर्ट के लगे हुए थे। इस कारण सभी उड़ गए। इस घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व मध्य रेल के सोनपुर रेलमंडल के डीआरएम नीलमणि ने इसकी जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। संयोग था कि सभी छज्जे को ऊपर के तरफ उड़ा, जो कुछ ओवर हेड तार में टकरा गया तो कुछ ट्रेन की छत पर जा गिरा। इसमें किसी यात्रियों का कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन लिफ्ट से चढ़कर जा रहे कुछ रेल यात्री बेहद डर गए।
इंजीनियर की अनुपस्थिति में हो रहा था काम, इंस्पेक्टर ने रोका
मुजफ्फरपुर जंक्शन के पश्चिम दिशा में नया फुट ओवर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। सैकड़ों टन के गार्डर चढ़ाए गए हैं और चढ़ना बांकी है, लेकिन रेल इंजीनियर की अनुपस्थिति में कार्य चल रहा है। इसकी जानकारी मिलने पर आरपीएफ इंस्पेक्टर पीएस दुबे ने काम रोकवा दिए। तब इंजीनियर भागे-भागे कार्यस्थल पर पहुंचे। आरपीएफ इंस्पेक्टर से अनुमति मांगी। इंस्पेक्टर ने कहा कि सैकड़ों टन लोहे का गार्डर पर काम हो रहा। यहां इंजीनियरिंग विभाग के कोई लोग नहीं है और कुछ गलत हो जाएगा तो उसका जिम्मेवार कौन होगा। उसके बाद से सभी रेल इंजीनियर कार्य में लग गए हैं।
बता दें कि मुजफ्फरपुर जंक्शन के पश्चिम दिशा में नया फुट ओवर ब्रिज का निर्माण हो रहा। लोहे के बड़े-बड़े गार्डर चढ़ाए जा रहे हैं। कई बार महाबली क्रेन गार्डर चढ़ाने में फेल कर चुका है। लोहे का गार्डर इतना भाड़ी होने के कारण पिछली बार क्रेन का चक्कर उड़ गया। दो दिनों पहले क्रेन का हाईड्रोलिक सिस्टम फेल कर गया। इसके कारण सुबह चार बजे से साढ़े दस बजे तक के छह घंटे का लिया गया ब्लाक तोड़ना पड़ा। क्रेन के हाईड्रोलिक सिस्टम को दुरुस्त कर लिया गया है।
इनपुट : जागरण