मुजफ्फरपुर, शहर में सभी तरह के पटाखे को छोड़ने और उसकी बिक्री पर रोक है। दुकानदारों ने लाइसेंस का नवीकरण भी नहीं कराया है। इसके बावजूद खुलेआम पटाखे की बिक्री हो रही है। छाता बाजार में पटाखे की दुकानें बेखौफ खुल रहीं।विदित हो कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मुजफ्फरपुर समेत चार शहरों में किसी तरह के पटाखे को छोड़ने पर रोक लगा दी है। इन शहरों में पटना, गया और हाजीपुर भी शामिल है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकते हैं।
लाइसेंस का नवीकरण नहीं
इस बारे में पूछे जाने पर आर्म्स मजिस्ट्रेट प्रीति कुमारी ने कहा कि अभी किसी दुकानदार के लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया गया है। वहीं पटाखों की बिक्री पर पूर्णत: रोक है। इसकी बिक्री रोकने के लिए थाना को जिम्मा दिया गया है। इसके बाद भी पटाखे की बिक्री हो रही है तो टीम बनाकर कार्रवाई कराई जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस
शहरी क्षेत्र में बिक्री पर रोक से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पटाखे उपलब्ध नहीं हो पाते। इसके लिए अस्थाई लाइसेंस का प्रविधान है, मगर अब तक इसके लिए कोई आवेदन नहीं आया है।
अधिक मुनाफा के कारण चलती रहतीं दुकानें
पटाखा व्यापार में काफी मुनाफा को देखते हुए इसकी बिक्री बंद नहीं होती। थाना स्तर से भी कभी ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। पिछले वर्ष भी पटाखा छोड़े जाने पर रोक थी। इसके बाद भी बिक्री के साथ खूब पटाखे छोड़े गए। स्थानीय स्तर पर पदाधिकारियों की अनदेखी से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आदेश असरदार नहीं रह पाता। वहीं इसकी आड़ में खूब कमाई होती।
इनपुट : दैनिक जागरण