0 0
Read Time:3 Minute, 6 Second

मुजफ्फरपुर की भिंडी अब मुंबइ वासियों का जायका बढ़ायेगी. लीची के बाद मीनापुर प्रखंड के खेमाइचक के किसान रेलवे की मदद से कई दिनों से भिंडी मुंबई भेज रहे हैं. गुरुवार को पवन एक्सप्रेस के पार्सल यान से 10 क्विंटल भिंडी की खेप भेजी गयी है. इससे पहले मंगलवार को खेप भेजी गयी थी. मुंबई में मुजफ्फरपुर की भिंडी की डिमांड देख दोबारा खेप भेजी गयी है.


किसानों को हो रहा हजारों का मुनाफा
किसान राधेश्याम ने बताया कि मीनापुर और जिले के दूसरे प्रखंडों में भी भिंडी की पैदावार अधिक है. यहां सात से 10 रुपये प्रति किलो भिंडी व्यापारी खेत से उठा रहे हैं. बाजार में जाकर यह 12-15 रुपये प्रति किलो बिक रही है. बीते दिन मुंबई के एक सब्जी व्यापारी ने भिंडी के लिए संपर्क किया.


45-50 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा दाम
भिंडी की पहली खेप मंगलवार को पवन एक्सप्रेस से मुंबई भेजे. वहां से 45-50 रुपये प्रति किलो दाम मिला. कुछ मिलाकर औसतन एक खेप पर करीब 23 से 25 हजार रुपये मुनाफा मिल रहा है. राधेश्याम ने बताया कि मुंबई से दूसरे सब्जी व्यापारी भी उससे संपर्क कर रहे है. वह आगे भी भिंडी और अन्य सब्जी की खेप मुंबई भेजने की तैयारी में है.


रेलवे कर रही विशेष मदद
किसानों ने बताया कि रेलवे की ओर से मदद मिल रही है. बुकिंग से लेकर पवन एक्सप्रेस के पार्सल यान तक में भिंडी लदान में सहुलियत मिल रही है. मुंबई में भी जल्दी इसे अनलोड किया जा रहा है. एक प्रकार के खास बोरा में इसे पैककर मुंबई भेजा गया है, ताकि खराब नहीं हो. बता दें कि मुजफ्फरपुर से हर साल दूसरे राज्यों में लगभग 25 करोड़ की लीची भेजी जाती है. बीते माह मई और जून 2022 में लीची ढुलाई से रेलवे को 61 लाख रुपये का राजस्व का मुनाफा हुआ. साथ ही मुजफ्फरपुर से मुंबई, राजस्थान, गुजरात, महारास्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि दूसरे राज्यों 25 करोड़ से अधिक राशि की लीची भेजी गयी. रेलवे का कहना है कि आने वाले दिनों में व्यापार को बढ़ाने को लेकर रेलवे की ओर से आगे और योजनाएं है. जिसपर काम किया जा रहा है.

इनपुट : प्रभात खबर

Advertisment

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: