मुजफ्फरपुर, नए नगर निकायों के गठन से ऐसे सैकड़ों लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया जो पंचायत का चुनाव लडऩे का मन बना रहे थे। जिन पंचायतों या वार्ड का विलय नगर निकाय में हो गया वहां की मतदाता सूची में नाम वाले पंचायत चुनाव में किसी पद पर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन क्षेत्रों के बूथों को भी समाप्त करने का निर्देश जारी कर दिया है। पंचायत चुनाव में वे ही उम्मीदवार हो सकेंगे जिनका नाम संबंधित प्रखंड की किसी पंचायत की मतदाता सूची में दर्ज हो। मालूम हो कि जिले में 385 की जगह अब 373 पंचायतों में मुखिया एवं ग्राम कचहरी में सरपंच के पद पर चुनाव होगा। वहीं वार्ड सदस्य एवं पंच की सीटों की संख्या 5108 ही होगी। पिछले चुनाव की तुलना में दो सौ से अधिक वार्ड सदस्य और पंच कम हो जाएंगे। पिछले पांच वर्षों से यहां चुनाव लडऩे के लिए मैदान बनाने वाले निराश हैं। संतोष की बात यही है कि वे अगले वर्ष संबंधित निकाय चुनाव में भाग्य आजमा सकते हैं।

14 अगस्त तक बूथों को विलोपित करने का लेना है निर्णय

निकाय में विलय के कारण जहां से बूथ विलोपित या स्थानांतरित किए जाएंगे, उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके लिए 12 अगस्त तक सूचना भी प्रकाशित कराई जाएगी। ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति के मामले में यह सूचना पंचायत एवं प्रखंड कार्यालय में जारी की जाएगी। जिला परिषद के मामले में प्रखंड, एसडीओ एवं डीएम कार्यालय में भी प्रकाशित की जाएगी। बूथ को लेकर किसी तरह की आपत्ति आती है तो इसका निराकरण 14 अगस्त तक कर लिया जाएगा। संशोधन की सूचना आयोग को 18 अगस्त तक भेज देनी है।ईवीएम की कल से होगी प्रथम स्तरीय जांच

मुजफ्फरपुर : पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसके लिए बुधवार से ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच एफएलसी शुरू हो जाएगी। सिकंदरपुर में बने वेयर हाउस में इन ईवीएम की (एफएलसी) होगी। अभियंताओं की निगरानी में यह कार्य होगा। जिले में पंचायत चुनाव के लिए 2900 ईवीएम भेजी गई हैं।

इनपुट : जागरण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *