मुजफ्फरपुर, स्थानीय रेलवे स्टेशन के यूटीएस हाल में लगे बैगेज स्कैनर के समीप खेल रहा एक पांच साल का बच्चा सिक्का उठाने के दौरान उसके अंदर चला गया। बच्चे की गर्दन एवं उसके हाथ उक्त मशीन की चपेट में आ गए। बच्चा चिल्लाने लगा, जिसे सुनकर वहां दर्जनों यात्रियों की भीड़ जुट गई। आरपीएफ, जीआरपी के जवान भी तत्काल पहुंचे। फिर मशीन के बिजली कनेक्शन को स्विच आफ किया गया।

आरपीएफ के हेड कांस्टेबल राजेश कुमार, एलबी खान ने बेल्ट को काटकर बच्चे को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बरात से लौटकर ट्रेन पकडऩे स्टेशन आए यात्री पटना के मरांची गांव निवासी विक्रम कुमार भीड़ देख वहां पहुंचे। उन्होंने बच्चे को निकालने के लिए मशीन के कई पार्ट खोल दिए। इसके बाद बच्चे को निकाल लिया गया। मशीन से बच्चे की गर्दन, कंधा और हाथ जख्मी हो गए थे। इंस्पेक्टर पीएस दुबे ने उसके उपचार के लिए रेल चिकित्सक को बुलाया। बच्चे की प्राथमिक चिकित्सा कराने के बाद चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। बच्चे के माता-पिता का पता नहीं चल पाया है। कुछ लोगों ने उसे घुमंतू वाले का बच्चा बताया। बच्चे को फिलहाल चाइल्ड लाइन के पास सुरक्षित रखा गया है।

लापरवाही पर रेल प्रशासन का ध्यान नहीं

रेलवे स्टेशन के समीप बैगेज स्कैनर, लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ी पर बच्चे खेलते नजर आते हैं, लेकिन रेल प्रशासन इस बात को नजरअंदाज कर रहा है। किसी दिन बड़ा कोई हादसा हो सकता है। स्वचालित सीढ़ी के नीचे कुछ घुमंतू लोगों के बच्चे मशीन पर चढ़ते-उतरते रहते हैं। कई बार तो नीचे जाकर झांकते रहते हैं। बैगेज स्कैनर के समीप यात्री भी बैठे रहते हैं।

रेलवे स्टेशन पर अपने बच्चों पर सतत निगरानी जरूरी

ट्रेन से यात्रा करने या रेलवे स्टेशन पर रुकने के दौरान अपने बच्चों पर सतत निगरानी रखने की जरूरत है। यात्रियों की भीड़ में बच्चों को सबसे अधिक परेशानी होती है। कई बार ट्रेन रुकने पर यात्री स्टेशन पर पानी के लेने उतर जाते हैं। बच्चे भी उनके पीछे-पीछे उतरने लगते हैं। ऐसे में गिरने के साथ जान जाने और गुम होने का खतरा बन जाता है। इस तरह की घटना अक्सर होती हैं। रेलवे की ओर से समय-समय पर इसको लेकर यात्रियों को जागरूक भी किया जाता है। फिर भी यात्री अपने बच्चे को लेकर सतर्क नहीं पाते। अगर यात्री ध्यान रखेंगे तो बच्चों को किसी हादसे से काफी हद तक बचाया जा सकता है।

अगर सतर्कता होती तो शनिवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन के यूटीएस हाल में बैगेज स्कैनर में पांच साल का बच्चा नहीं फंसता। हालांकि घुमंतू लोग अपने बच्चे पर अधिक ध्यान नहीं देत हैं। वे लोग रेलवे लाइन किनारे ही गुजर बसर कर लेते हैं। उनके बच्चे स्टेशन पर खाली बोतल चुनते हैं ओर बाजार में बेचकर पेट भरते हैं। मुजफ्फरपुर जंक्शन के छह-सात और आठ नंबर प्लेटफार्म की पश्चिम दिशा में रेल किनारे कई घुमंतू लोग रह रहे हैं। आरपीएफ और जीआरपी के गश्ती दल को देख हट जाते हैं और जाने के साथ फिर चले आते हैं। ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की जरूरत है ताकि रेलवे स्टेशन पर किसी तरह के बवाल को रोका जा सके।

इनपुट : जागरण

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