मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन के यूटीएस हाल में एक बच्चा खेलने के दौरान बैग स्कैनर में जाकर फंस गया। संयोग अच्छा रहा कि बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुन आसपास के यात्री दौड़े। आरपीएफ के सहयोग से बैग स्कैनर को उठाकर बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया गया। हालांकि, इस घटना में बच्चे का एक हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया है। इसकी सूचना सोनपुर कंट्रोल को मिलने के बाद रेलवे अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई। रेलवे सुरक्षा बल की लापरवाही को लेकर ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कांस्टेबल रामाकांत को निलंबित कर दिया गया है।
सोनपुर रेलमंडल के आरपीएफ कार्यालय में अटैच कर दिया है। वहीं आरपीएफ कांस्टेबल सहित अन्य अधिकारियों का कहना है कि मानक के हिसाब से बैग स्कैनर नहीं लगाया गया है। इस कारण आए दिन ऐसी घटनाएं घट रही हैं। बड़े-बड़े स्टेशनों पर एक मानक के हिसाब से थोड़ी ऊंचाई पर इसे लगाया जाता है, लेकिन मुजफ्फरपुर जंक्शन पर इसे नीचे में ही रख दिया गया है।
इस तरह की दूसरी घटना
यूटीएस हाल के बैग स्कैनर में बच्चे के फंसने की यह दूसरी घटना है। इसके पहले इसी वर्ष 10 जुलाई को एक पांच साल के बच्चे के साथ भी इसी तरह की घटना हुई थी। बैग स्कैनर के नीचे गिरे सिक्के को उठाने के चक्कर में रालर में उसका गर्दन और हाथ फंस गया था। उस समय बेल्ट काट कर बच्चे को निकाला गया था। इस बार रविवार रात 12 बजे के बाद यह घटना घटी।
आरपीएफ की सूचना के बाद स्टेशन मास्टर और टीटीई द्वारा मेमो देकर रेल अस्पताल के वरीय चिकित्सक शालीग्राम चौधरी को बुलाया गया। मौके पर पहुंच कर उन्होंने बच्चे का प्राथमिक उपचार किया। बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार वर्ष का अंकुश कुमार कांटी थाना क्षेत्र के दामोदरपुर गांव निवासी शत्रुघ्न कुमार का पुत्र बताया गया है। घटना के बाद दर्जनों यात्रियों की भीड़ जुटने से काफी देर तक अफरातफरी मच गई।
बच्चे की मां देख रही थी मोबाइल
दामोदरपुर निवासी शत्रुघ्न कुमार, पत्नी और बच्चे के साथ लुधियाना जाने के लिए सुबह की आम्रपाली एक्सप्रेस पकड़ने के लिए रात को ही जंक्शन पर पहुंच गए थे। बच्चे का पिता किसी से बात कर रहा था तो मां भी मोबाइल में मशगूल थी। इस बीच बच्चा खेलते हुए बैग स्कैनर के समीप चला गया। उस वक्त स्कैनर स्टार्ट था। कांस्टेबल की नजर वहां तक नहीं गई। इसके कारण बच्चा बैग स्कैनर के अंदर चला गया।
दैनिक जागरण ने पहले भी किया था अगाह
रेलवे स्टेशन के बैग स्कैनर, लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ी पर बच्चे खेलते नजर आते हैं, लेकिन रेल प्रशासन इस बात को नजर अंदाज कर दे रहा है। इसको लेकर दैनिक जागरण पूर्व में रेल प्रशासन को अगाह चुका है, बावजूद इस की तरह की घटना घट रही। स्वचालित सीढ़ी के नीचे कुछ बच्चे मशीन पर चढ़ते-उतरते नजर आते हैं। कई बार नीचे जाकर झांकते भी हैं। बैग स्कैनर के समीप यात्री बैठे भी रहते हैं।
बच्चों पर रखें निगरानी
ट्रेन से यात्रा करने या रेलवे स्टेशन पर रुकने के दौरान यात्री अपने बच्चों पर निगरानी नहीं रखते। इस कारण भी इस तरह की घटनाएं घट रही हैं। यात्रियों की भीड़ में बच्चों को सबसे अधिक परेशानी होती है। कई बार ट्रेन रुकने पर यात्री स्टेशन पर पानी लेने उतर जाते हैं। इस दौरान बच्चे उनके पीछे भागते हैं। ऐसे में गिरने या फिर गुम होने का खतरा बना रहता है। रेलवे की ओर से समय-समय पर यात्रियों को जागरूक किया जाता है। फिर भी यात्री अपने बच्चे को लेकर सतर्क नहीं रहते।
इनपुट : दैनिक जागरण
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