31 जुलाई तक मदरसों के प्रबंध समिति के गठन का सचिव ने दिया आदेश

–  नए नियमावली 2022 के तहत तीन साल तक के लिए ही मदरसे के प्रबंध समिति का रहता है कार्यकाल

मुजफ्फरपुर, राज्य के ऐसे सभी मदरसे जिसके प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन साल या उससे अधिक हो चुका है के प्रबंध समिति का नए सिरे से चुनाव कराने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है। मदरसा बोर्ड के सचिव अब्दुस सलाम अंसारी ने बीते 28 जून को पत्र जारी कर राज्य के सभी मदरसों के हेड मौलवी को प्रबंध समिति का गठन करने का आदेश दिया था।

इसमें कहा है कि जिस प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन साल या उससे अधिक हो गया है, वैसे मदरसों के प्रबंध समिति का नए सिरे से गठन कर बोर्ड को सूचित कर इसके अनुमोदनार्थ बोर्ड को कागजात जमा कराएं । बोर्ड के सचिव के इस आदेश का विरोध शुरू हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के जिला महासचिव मोहम्मद इश्तेयाक ने मदरसा बोर्ड को इस संबंध में पत्र भेजकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि जब तक राज्य में मदरसा बोर्ड का गठित नहीं होता है तब तक मदरसों के प्रबंध समिति का गठन करना गलत होगा। क्योंकि सिर्फ मदरसा बोर्ड और उसके चेयरमैन को ही गठित होने वाले प्रबंध समिति को अनुमोदित करने की शक्ति है। बोर्ड के प्रशासक या सचिव प्रबंध समिति का अनुमोदन नहीं कर सकते हैं। ऐसे में जब तक मदरसा बोर्ड का गठन नहीं होता है तब तक किसी भी मदरसे के प्रबंध समिति को भंग कर नए सिरे से इसका गठन करना अवैध होगा। बगैर बोर्ड के अनुमोदन के गठित होने वाले प्रबंध समिति के लिए कार्यालय आदेश किया जाना वित्तीय व्यय घोटाला के श्रेणी में आ जाएंगे।

मोहम्मद इश्तेयाक ने मदरसा बोर्ड के सचिव को पत्र भेजकर मदरसों के प्रबंध समिति के नए सिरे से गठन संबंधित जारी किए गए आदेश को वापस लेने का आग्रह किया है। उन्होंने महामहिम राज्यपाल , मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भी आवेदन भेजकर आदेश को निरस्त कराने का आग्रह किया है। बताया है कि मुजफ्फरपुर ही नहीं राज्य स्तर पर मदरसा बोर्ड के सचिव के आदेश का विरोध हो रहा है।

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