स्टेशन रोड में अब निरंकारी की दुकान का भुजा फिलहाल नहीं मिल सकेगा। नाटक समेत धार्मिक व अन्य बहुमूल्य किताबाें की मुकुल श्रीवास्तव की दुकान नहीं दिखेगी। ओमप्रसाद की कपड़ा दुकान समेत चाय-नाश्ता-भाेजन की वाे दुकानें भी नहीं, जहां आप प्रतिदिन या खास माैके पर जाते हाेंगे। दरअसल स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सड़क चौड़ीकरण व नाला निर्माण के लिए इस राेड की 100 से ज्यादा दुकानें शुक्रवार को हटा दी गईं। पहले से अल्टीमेटम दे चुके नगर निगम की टीम पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंची ताे 45 वर्षाें से ज्यादा समय से कारोबार कर रहे कई बुजुर्ग हाथ स्वयं नट-बोल्ट खोलने लगे, दुकान समेटने लगे।

बगैर शोरगुल व हंगामे के ज्यादातर दुकानदारों ने शहर को डूबने से बचाने के लिए दुकानें समेट लीं। निगम की टीम दो जेसीबी, तीन हाईवा व आधा दर्जन से ज्यादा ट्रैक्टर लेकर पहुंची थी। दुकान स्वयं खाली नहीं करने पर सामान और दुकान जब्त करने की चेतावनी दी गई। 121 दुकानाें को नोटिस दिया गया था, ज्यादातर खाली हो गईं और अन्य शनिवार काे हट जाएंगी। इस दाैरान कुछ दुकानदारों ने नाराजगी जताई, पर यहां से दुकानें

हटवाने का पहले से विरोध करनेवाले कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे। वैसे निगम की टीम के साथ पुलिस के जवान व मजिस्ट्रेट देर शाम तक वहां जमे रहे। उधर, स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां 70% से ज्यादा दुकानें अवैध ढंग से चलाई जा रही थीं। जिन लोगों ने 1972 में दुकान आवंटित कराई थी उन्हाेंने किराए पर लगा रखी थी। नाला सफाई नहीं होने की वजह से भारी समस्या बनी हुई है।

यहां नाला बना कर मोतीझील से जाेड़ा जाएगा, ताकि आगे से जलजमाव न हाे

फरदो नाला की सफाई न होने से मोतीझील से पानी नहीं निकल पा रहा है। पूर्व वार्ड पार्षद त्रिभुवन राय उर्फ टुल्लू राय ने कहा कि पहले कल्याणी के निकट से मोतीझील का पानी निकलता था। कटही पुल व पांडेय गली रेलवे कल्वर्ट की सफाई नहीं हो सकी। इस वजह से पानी नहीं निकल रहा है। मोतीझील नाला को स्टेशन रोड से कनेक्ट करते हुए कंपनीबाग की ओर पानी निकालने की तैयारी है।

एनबीपीडीसीएल की टीम ने सभी दुकानों से खाेलवाए बिजली मीटर

स्टेशन रोड में मालगोदाम चौक से लेकर धर्मशाला चौक तक आवंटित की गईं सभी दुकानाें में बिजली कनेक्शन भी था। दुकान खाली किए जाने की स्थिति में एनबीपीडीसीएल की टीम ने शुक्रवार को सभी दुकानों से मीटर खोल लिया। एनबीपीडीसीएल अधिकारी का कहना है कि जो भी बकाया है, उसके लिए दुकानदारों को नोटिस जारी कर दिया गया है।

बोले दुकानदार- उजाड़ने के पहले हमें बसाना चाहिए था
निरंकारी होटल के संचालक कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके दादा रामप्रसाद महतो ने 1972 में दुकान आवंटित कराई थी। यह तीसरी पीढ़ी है जो यहां नाश्ता-खाना की दुकान चला रही है। धार्मिक पुस्तक भंडार के संचालक मुकुल श्रीवास्तव को दर्द है कि एक दशक से ज्यादा समय से उत्तर बिहार में नाटक की किताबाें की इकलौती दुकान उन्हीं की है।

पहले गांव-गांव में नाटक होने की वजह से कई जगह ये किताबें मिलती थीं। किराना दुकानदार बैद्यनाथ प्रसाद ने खुद दुकान आवंटित कराई थी। शुक्रवार की दोपहर अपने हाथ से गुमटी का नट-बोल्ट अलग कर रहे थे। कपड़ा दुकानदार ओम प्रसाद ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत सड़क की सूरत बदलने व शहर को डूबने से बचाने के लिए हटाना जरूरी है तो हम लोग हट रहे हैं। इन सबने कहा कि उजाड़ने के पहले नगर निगम को बसाना चाहिए था।​​​​​​​

Input: Dainik Bhaskar

One thought on “45 वर्षों से स्टेशन रोड में किताबें बेच रहे मुकुल समेत साै से ज्यादा दुकानदारों ने अपने हाथ से उजाड़ीं दुकानें”
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