बिहार मे कोरोना संक्रमण से बचाव मे एक कदम और आगे बढ़ते हुए सरकार ने एक अनोखा और अलग उपाय निकाला है. अब बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोरोना के मरीजों और उनके अटेंडेंट को अपनी कलाई में हैंड बैंड लगाना होगा। दोनों के हैंड बैंड के रंग अलग-अलग होंगे, ताकि कोरोना संक्रमित और अस्पताल में मौजूद रहने वाले उनके अटेंडेंट के बीच अंतर पता चल सके. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाने का निर्णय लिया है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से इसकी शुरुआत की जाएगी।

अस्पताल प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमितों और उनके परिजन जो अस्पताल में रहते हों उन्हें ये हैंड बैंड उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे अस्पताल में अन्य रोगों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों के बीच भी अंतर किया जा सकेगा। उन्हें कोविड वार्ड की ओर जाने से रोका जाएगा। अस्पताल को संक्रमण से मुक्त रखने की दिशा में ये कवायद की जा रही है।

ज्ञात हो की राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 -100 बेड के कोरोना वार्ड बनाये गए हैं। इसके अतिरिक्त नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल गया डीएमसीएच, दरभंगा और जेएलएन एमसीएच, भागलपुर को विशेष कोविड अस्पताल घोषित किया गया है। शेष मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के 100-100 बेड के वार्ड कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए हैं। इनमें मरीजों की देखभाल को लेकर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि हर मरीज की देखभाल की जा सके। इन सीसीटीवी को वार्ड के प्रमुख डॉक्टर के चैंबर से जोड़ा गया है, ताकि वे हर पल देख सकें और मरीज को जरूरत के हिसाब से दवा और अन्य चिकित्सा उपलब्ध करा सकें।

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