गर्मी शुरू होते ही एईएस (चमकी बुखार) के संभावित मरीज मिलने शुरू हो गए हैं. गुरुवार को मुजफ्फरपुर में इस सीजन में एईएस से संभावित पहला मरीज मिला, लेकिन पीएचसी की लापरवाही से बच्चे का सही तरीके से इलाज नहीं हो पाया. जबकि जिला प्रशासन लगातार स्वास्थ्य विभाग और संबंधित विभागों से समन्वय कर एईएस के इलाज में कोई कमी न हो, इसकी तैयारी में जुटा हुआ है.
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चा कांटी पीएचसी पहुंचा
मामला कांटी पीएचसी का है. यहां मीनापुर के मोरसंड निवासी विजय राम अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र आयुष को लेकर कांटी पीएचसी पहुंचे थे. बच्चा चमकी बुखार से पीड़ित था. पीएचसी में बच्चे के ब्लड शुगर की जांच की गयी तो कम पाया गया.
एसकेएमसीएच रेफर किया गया बच्चा
डॉक्टर ने उसे ग्लूकोज सहित अन्य दवाएं देकर एसकेएमसीएच रेफर कर दिया, जबकि एइएस के प्रोटोकॉल के तहत बच्चे को पीएचसी में भर्ती कर इलाज किया जाना है. स्थिति खराब होने पर ही बच्चे को एसकेएमसीएच में रेफर करना है. बावजूद पीएचसी से बच्चे को एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया और इसकी जानकारी मुख्यालय को नहीं दी गयी.
बच्चे की खोज में जुटा विभाग
एइएस के नोडल प्रभारी डॉ सतीश कुमार ने जब शाम में सभी पीएचसी प्रभारियों से बात की तो कांटी पीएचसी से एक बच्चा एसकेएमसीएच रेफर किया गया है. इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग बच्चे की खोज में जुट गया. करीब दो घंटे तक बच्चे को एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में खोज की जाती रही.
बच्चे को घर लेकर आए उसके पिता
पीएचसी प्रभारी ने बच्चे के पुर्जे पर परिजन का मोबाइल नंबर भी नहीं लिखा था. काफी मशक्कत के बाद संबंधित गांव से बच्चे के परिजन का नंबर लिया गया. डॉ सतीश कुमार ने कहा कि बच्चे के पिता से बात हुई है. उन्होंने बताया कि बच्चा ठीक था तो उसे लेकर घर आ गए. शुक्रवार को बच्चे के घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करेगी.
इनपुट : प्रभात खबर